कानून को ध्यान में रखते हुए डीसी खनन पट्टा निर्गत पर विचार कर सकते हैं: ट्रिब्यूनल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 22 जुलाई 2017

कानून को ध्यान में रखते हुए डीसी खनन पट्टा निर्गत पर विचार कर सकते हैं: ट्रिब्यूनल

  • खनन संबंधित मामलों में झारखण्ड, बिहार व बंगाल राज्यों की सुनवाई इस्टर्न जोन कोलकाता में होती है। 

ngt-meeting-dumka
दुमका (अमरेन्द्र सुमन) अशोक कुमार तिवारी बनाम् निरंजन शर्मा एण्ड अदर्स (एमए सं0-197/2017 ई जेड) वास्तविक आवेदन के साथ (सं0-108/ 2015 ई जेड) के  मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (इस्टर्न जोन बैंच) कोलकाता (प0 बंगाल) ने 20 जुलाई 2017 को माइनिंग लिज से संबंधित मुकदमा में पारित अपने आदेश में कहा है कि इस मामले में झारखंड राज्य के तमाम डीसी नियम-कानून को ध्यान में रखते हुए ट्रिब्यूनल द्वारा निर्धारित अगली तिथि तक खनन पट्टा जारी कर सकते हैं। मालूम हो, 17 अगस्त 2017 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (इस्टर्न जोन बैंच) कोलकाता (प0 बंगाल) ने अगली तिथि निर्धारित की है। आवेदक की ओर से अधिवक्ता देवाशीष सरकार थे जबकि रिस्पाॅन्डेंट-(1) गोरा चाँद राय चैधरी व एस राय व रिस्पाॅन्डेंट (2 से 5 तक के लिये) में राजेश कुमार, विनोद कुमार घोष, सुश्री एश्वर्या राजश्री, अशोक प्रसाद व सुरेन्द्र कुमार वतौर अधिवक्ता थे। विदित हो झारखण्ड की उप राजधानी दुमका सहित सूबे के अन्य जिलों में हजारों अवैध पत्थर खनन कारोबार को पत्थर माफियाओं द्वारा अंजाम दिया जा रहा है। ट्रिब्यूनल में यह मुकदमा अभी विचाराधीन है। पूणतः आदेश के बाद वैध खनन कारोबारियों को इससे काफी लाभ मिलने वाला है जबकि अवैध खनन का गोरखधंधा पूरी तरह बंद होने की संभावना है। ट्रिब्यूनल में लंबित मुकदमा की वजह से खनन पट्टा पिछले कई महीनों से बंद था।

कोई टिप्पणी नहीं: