पटना 31 जुलाई, बिहार की मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने आज कहा कि तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद श्री नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं तो जब उनपर हत्या का मुकदमा दर्ज है तब उन्हें नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दे देना चाहिए। राजद के पूर्व सांसद जगदानंद सिंह ने यहां पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे की उपस्थिति में प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री कुमार पर वर्ष 1991 में ही पटना जिले के बाढ़ अनुमंडल में हत्या और आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज हुआ था । इस मामले में वर्ष 2009 में अदालत से संज्ञान भी हो चुका है। श्री सिंह ने कहा कि ऐसे में किसी मुजरिम को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का अधिकार नहीं रह गया है। नैतिकता की दुहाई देने वाले श्री कुमार ने सिर्फ तत्कालीन उप मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने मात्र से महागठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें अब यह बताना चाहिए कि हत्या समेत अन्य मामलों के मुजरिम होने के बावजूद वह कुर्सी पर कैसे बने हुये हैं। पूर्व सांसद ने कहा कि यदि यह मामला खत्म हो गया है तो फिर श्री कुमार ने विधान परिषद चुनाव में अपने शपथ पत्र में यह स्वीकार क्यों किया है कि उन पर हत्या का मामला चल रहा है। जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित मध्यप्रदेश में हुए व्यापमं घोटाले के साक्ष्य को मिटाने के लिए एक-एक को मार डाला गया उसी तरह से सीताराम सिंह हत्याकांड के साक्ष्यों को भी मिटाने का प्रयास किया जा रहा है।
श्री सिंह ने कहा कि श्री कुमार के संबंध में लोगों को बताने की आवश्यकता नहीं है । श्री कुमार जब वर्ष 2009 में मुख्यमंत्री थे तब उनके साथ अपराध जगत के नवरत्न उनके पीछे खड़े दिखायी दिये थे। श्री कुमार के साथ खड़े नवरत्न को अपराध जगत के साथ ही आम लोग अच्छी तरह से जानते थे। इन नवरत्नों में अनंत सिंह, धूमल सिंह, सुनील पांडेय, मुन्ना शुक्ला जैसे अपराध जगत की हस्तियां शामिल थी । पूर्व सांसद ने कहा कि जिस सीताराम सिंह की हत्या हुयी थी, आज उनका परिवार सुरक्षा की गुहार लगा रहा है लेकिन उनकी सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों को वापस ले लिया गया है । स्व. श्री सिंह के दोनों भाई आज भी न्याय की गुहार लगाने के साथ ही सुरक्षा की मांग भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री कुमार में तनिक भी नैतिकता बची है तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। श्री सिंह ने मुख्यमंत्री पर लगे आरोपों का स्पीडी ट्रायल के जरिये सुनवाई कराने की मांग की। सत्ता के शीर्ष पर बैठते समय श्री कुमार को अंतरआत्मा की आवाज सुनायी नहीं पड़ी । उन्होंने कहा कि जब एक व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने पर सरकार गिरायी जा सकती है तो हत्या के मामले में अदालत से संज्ञान हो चुके श्री कुमार को तो जरूर इस्तीफा दे देना चाहिए।
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