रघुवर सरकार बिहार की चिंता छोड़ झारखंड के विकास पर ध्यान दे : जदयू - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 24 जुलाई 2017

रघुवर सरकार बिहार की चिंता छोड़ झारखंड के विकास पर ध्यान दे : जदयू

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पटना 24 जुलाई, जनता दल यूनाईटेड(जदयू) ने झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास के बयान पर पलटवार करते हुये आज कहा कि बिहार की चिंता छोड़ श्री दास यदि अपने राज्य के गरीबों और वंचितों के कल्याण पर ध्यान दें तो बेहतर होगा। जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने यहां कहा कि श्री दास अपने प्रदेश के लोगों की गरीबी, वहां की बदहाल हो चुकी कानून-व्यवस्था, कभी डायन कभी गाय के नाम पर आए दिन होने वाली हत्याओं समेत समस्त बदहालियों पर ध्यान दें तो यह उनके प्रदेश और खुद उनके लिए भी बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि श्री दास को उनके झारखंड की समस्याओं की अनदेखी कर दूसरे प्रदेशों के मामलों में बोलने से उनके राज्य का कोई भला नहीं होने वाला है। श्री प्रसाद ने कहा कि बिहार के लोगों ने सत्तारूढ़ महागठबंधन के नेता एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यहां की सत्ता सौंपी है और उनकी सरकार काफी अच्छे तरीके से चल रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में महागठबंधन अटूट है इसलिए श्री दास बिहार की बजाय झारखंड पर ध्यान दें। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार के कामकाज पूरे देश को रास्ता दिखलाने वाले माने जाते हैं। उन्होंने कहा कि यहां से प्रेरणा लेकर ही दूसरे राज्य विकास, कल्याण एवं वंचितों के उन्नयन और सशक्तिकरण के कार्यक्रम चला रहे हैं। श्री प्रसाद ने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री भी यदि अपने राज्य के विकास और लोगों के कल्याण के लिए कुछ करते तो प्रदेश एवं लोगों का कुछ भला होता। वह बजाय इसके महज सुर्खियां बटोरने के लिए आसमान में कीचड़ उछालने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि श्री दास पहले अपने मुख्यमंत्री होने का दायित्व निर्वहन कर लें। केवल बड़े नेता की बुराई करके खबरें छापवाई जा सकती हैं, नाम नहीं कमाया जा सकता। उल्लेखनीय है कि श्री दास ने कल यहां तेली साहु समाज के नगर निकायों के चुनाव में विजयी प्रत्याशियों के अभिनंदन समारोह का उद्घाटन करने के बाद कहा था कि बिहार में जबतक एकरस-समरस समाज नहीं होगा तबतक प्रदेश का कल्याण होने वाला नहीं है। प्रदेश में जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार थी तब एकरस-समरस समाज था। उन्होंने कहा कि भाजपा में न वंशवाद है और न ही परिवारवाद। 

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