आधार मामला : संविधान पीठ गठन के लिए अर्जी की सलाह - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 8 जुलाई 2017

आधार मामला : संविधान पीठ गठन के लिए अर्जी की सलाह

sc-asks-petitioners-to-mention-to-cji-for-constitutional-bench-in-aadhaar-case
नयी दिल्ली, 07 जुलाई, उच्चतम न्यायालय ने विशिष्ट पहचान संख्या (आधार) की अनिवार्यता को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं को संवैधानिक पीठ के गठन के लिए मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध करने की आज सलाह दी। न्यायमूर्ति जस्ती चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख करने को कहा। न्यायालय ने कहा कि आधार से जुड़े सभी मुद्दों पर संवैधानिक पीठ को फैसला करना चाहिए। आधार को लेकर निजता के अधिकारों के हनन समेत जो भी मुद्दे आ रहे रहे हैं, उनका निदान पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ ही कर सकती है। न्यायालय ने फिलहाल आधार को लेकर अंतरिम रोक संबंधी आदेश जारी करने से इन्कार कर दिया। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार आधार को एकाग्रता शिविर की तरह इस्तेमाल कर रही है ताकि वह एक जगह से ही सभी नागरिकों की गतिविधियों पर नजर रख सके। इसका एटर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने यह कहते हुए विरोध किया कि ये शब्द सही नहीं हैं। शांता सिन्हा एवं अन्य लोगों द्वारा दायर याचिकाओं में कहा गया है कि कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार को अनिवार्य बनाने से रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किये जायें। 

कोई टिप्पणी नहीं: