पटना 22 जुलाई, बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री चंद्रशेखर ने आज जोखिम न्यूनीकरण के क्षेत्र में अधिकारियों और विशेषज्ञों को गंभीरता से कार्य करने का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य इस क्षेत्र में दुनिया में मिसाल कायम करेगा । श्री चंद्रशेखर ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार एक ऐसा राज्य है जहां लोगों को कई तरह की प्राकृतिक विपदाओं का सामना करना पड़ता है । उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 31 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए थे जिसका असर 88 लाख लोगों पर पड़ा था । आपदा प्रबंधन मंत्री ने कहा कि यह देखा गया है कि कई जिले एक ही समय में बाढ़ और सुखाड़ दोनों से प्रभावित रहते हैं । उन्होंने कहा कि जिन जिलों में बाढ़ की समस्या होती है वहां का साठ प्रतिशत इलाका सुखे से भी प्रभावित रहता है । श्री चंद्रशेखर ने कहा कि अधिकारियों और विशेषज्ञों को आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए गंभीरता से कार्य करना चाहिए ताकि बिहार इस क्षेत्र में दुनिया में एक मिसाल कायम कर सके । उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए बिहार एक प्रयोग भूमि है क्योंकि बाढ़ , सुखाड़ , तूफान और वज्रपात जैसी प्राकृतिक आपदाएं यहां आती रहती हैं । इस मौके पर आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि दो दिवसीय कार्यशाला में राज्य सरकार के अधिकारियों को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों से जोखिम न्यूनीकरण के क्षेत्र में कार्य करने के नये-नये तरीके सीखने का अवसर मिला है । उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि इस तरह की कार्यशाला हर वर्ष आयोजित किये जाये । श्री अमृत ने कहा कि आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्य के लिए बिहार सरकार के 28 विभागों को शामिल किया गया है जिनमें शिक्षा , स्वास्थ्य , कृषि , पशुपालन , ग्रामीण विकास , सड़क निर्माण और भवन निर्माण विभाग शामिल हैं । उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला में देश विदेश से आपदा प्रबंधन क्षेत्र के प्रख्यात विशेषज्ञ , एजेंसियां , गैर सरकारी संस्थान , संयुक्त राष्ट्र संघ तथा नेपाल से आये प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया ।
शनिवार, 22 जुलाई 2017
आपदा जोखिम न्यूनीकरण में मिसाल कायम करेगा बिहार : मंत्री
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