पटना 22 जुलाई, बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधान मंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक दल के नेता एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर उनकी पार्टी का चुप्पी साधे रहना यह साबित करता है कि उनपर (श्री यादव) लगे सभी आरोप सही हैं। श्री मोदी ने यहां कहा कि सत्तारुढ़ महागबंधन के नेता एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कभी अपने अन्य घटक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से टेलीफोन पर बात करते हैं तो कभी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से गुहार लगा कर अपना समय बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष श्री गांधी भ्रष्टाचार के मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से आरोपित हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का इस्तीफा नहीं ले सके और ऐसे में अब वह किस मुंह से श्री यादव को इस्तीफा देने के लिए सुझाव देंगे। भ्रष्टाचार के खिलाफ राजद और कांग्रेस से सदाचार की उम्मीद करना बेमानी है। भाजपा नेता ने कहा कि श्री यादव पर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का प्रमुख घटक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के बिन्दुवार जवाब मांगे जाने के 15 दिन बाद भी राजद चुप्पी साधे हुए है। इससे यह स्पष्ट होता है कि राजद ने भी यह स्वीकार कर लिया है कि श्री यादव पर लगे सभी आरोप सही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में अब श्री यादव के पास इस्तीफा देने या मुख्यमंत्री श्री कुमार को उन्हें बर्खास्त करने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं है।
श्री मोदी ने कहा कि वहीं दूसरी ओर इस मामले में जदयू प्रवक्ताओं को शांत कराने के लिए पटना के प्रमुख चौक-चैराहों पर बैनर लगा कर राजद उन पर दबाव बना रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक जदयू ने एक बार भी यह नहीं कहा है कि श्री यादव को राजनीतिक बदले की भावना से फंसाया गया है या राजद की 27 अगस्त को होने वाली रैली रोकने के लिए सीबीआई कार्रवाई कर रही है। भाजपा नेता ने कहा कि इस तरह महागठबंधन के प्रमुख घटक जदयू भी यह मान रहा है कि श्री यादव पर लगे आरोपों में दम है। श्री यादव के पर लगे आरोपों को लेकर पिछले 15 दिनों से बार-बार जदयू के प्रवक्ता उनसे बिन्दुवार जबाव मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद राजद की ओर से अभी तक चुप्पी साधे रहना सवाल खड़ा करता है । श्री मोदी ने कहा कि दरअसल मुख्यमंत्री श्री कुमार उस दोराहे पर खड़े हैं जिसका एक रास्ता नैतिकता तो दूसरा भ्रष्टाचारियों के संरक्षण की ओर जाता है। अब यह श्री कुमार को तय करना है कि उन्हें किस रास्ते पर आगे बढ़ना है।
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