हैम्बर्ग 07 जुलाई, पाकिस्तान का नाम लिये बिना भारत ने आज कहा कि कुछ देश अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिये आतंकवादियों का इस्तेमाल कर रहे हैं ऐसे में जी-20 के सदस्यों को आतंकवाद को पनाह और समर्थन देने वाले देशों के अधिकारियों और प्रतिनिधियों के अपने यहां प्रवेश पर रोक लगाकर कड़ा संदेश देना चाहिये, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां रिट्रीट पर जुटे जी-20 देशों के नेताओं के समक्ष भारत का ग्यारह सूत्री एजेंडा पेश करते हुए कहा कि आतंकवादियों तथा उनके समर्थकों के खिलाफ साझी कार्रवायी जरुरी है, उन्होंने पाकिस्तान या किसी अन्य देश का नाम लिये बिना कहा कि कुछ देश अपने राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिये आतंकवादियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। अातंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के विरूद्ध सख्त कदम उठाना अनिवार्य है ताकि वह ऐसी हरकतों से बाज आएं। उन्होंने ऐसे देशों के अधिकारियों के जी-20 देशों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया। उन्होंने आतंकवाद को विश्व की सबसे बड़ी चुनौती बताते हुये कहा कि कोई भी आतंकवादी संगठन हो उसका एकमात्र मकसद है नफरत फैलाना और नरसंहार करना। इस सिलसिले में उन्होंने अल कायदा, लश्करे तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क, आईएसआईएस और बोकोहरम का उल्लेख किया और कहा कि आतंकवादियों द्वारा साइबर स्पेस का इस्तेमाल युवा पीढ़ी को पथभ्रष्ट करने, उनमें कट्टरता के बीज बोने तथा आतंकी संगठनों में भर्ती के लिये किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद से लड़ने की जी-20 की कार्ययोजना का स्वागत करते हुए कहा कि संदिग्ध आतंकवादियों की सूची जी-20 के देशों को एक दूसरे को देनी चाहिये तथा घोषित आतंकवादियों और उनके समर्थकों के विरुद्ध साझा कार्रवाई करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई की बात की जाये तो विभिन्न देशों के बीच तालमेल की तुलना में आतंकवादी ज्यादा एकजुट हैं। आतंकवाद के विरुद्ध हर देश अपने-अपने स्तर पर ही लड़ रहा है। श्री मोदी ने संदिग्ध आतंकवादियों की सूची का सदस्य देशों के बीच आदान प्रदान तथा घोषित आतंकवादियों तथा उनके समर्थकों कि विरूद्ध साझी कार्रवाई के तहत आतंकवादियों के प्रत्यर्पण जैसी कानूनी प्रक्रिया को सरल बनाने और उसमें तेजी लाने पर भी जोर दिया।
शनिवार, 8 जुलाई 2017
आतंकवाद के समर्थकों के प्रवेश पर लगे रोक : मोदी
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