बीजिंग,14 जुलाई, चीन के विद्राेही नेता एवं नोबेल शांति पुरस्कार विजेता लिऊ शियाओबाे का लंबी बीमारी के बाद आज चीन के शेनयांग शहर में निधन हो गया। वह 61 वर्ष के थे। शेनयांग विधिक ब्यूरो ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान जारी करके बताया कि लिऊ के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और उन्हें बचाने की सभी कोशिशें विफल हो गयीं। कई तरह के उपचार किए जाने के बावजूद उनकी तबीयत बिगड़ती चली गयी। श्री लिऊ का इलाज कर रहे अस्पताल ने बयान जारी करके बताया कि लीवर कैंसर के अंतिम चरण में पहुंच जाने के कारण उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। इसके कारण उनकी मौत हो गयी। श्री लिऊ और उनकी पत्नी उनके इलाज के लिए देश से बाहर जाना चाहते थे लेकिन सरकार ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। यहां तक कि उनकी तबीयत खराब होने के बाद भी उन्हें जेल में रखा गया था और स्थिति बेहद गंभीर होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बीच नार्वे स्थित नोबेल कमेटी ने कहा है कि श्री लिऊ की मौत के लिये चीन जिम्मेदार है। कमेटी की नेता बेरिट रेइस एंडरसन ने कहा “हम इससे बेहद व्यथित हैं कि लियू शियाओबो को गंभीर रूप से बीमार होने के बाद भी ऐसे अस्पताल में नहीं भेजा गया जहां उन्हें उचित चिकित्सा सुविधा मिल सकती थी।” सुश्री एंडरसन ने रायटर को ईमेल करके कहा “चीन सरकार श्री लियू की असामयिक मौत के लिए जिम्मेदार है।” मानवाधिकार समूहों और पश्चिमी देशों की सरकारों ने उन्हें विदेश भेजे जाने की मांग की थी ताकि उनका बेहतर इलाज हो सके लेकिन चीन सरकार ने किसी भी तरह के हस्तक्षेप पर चेतावनी देते हुए कहा है कि उनका उपचार प्रख्यात चीनी कैंसर विशेषज्ञ कर रहे हैं।
गुरुवार, 13 जुलाई 2017
चीन के नोबेल पुरस्कार विजेता विद्राेही नेता लिऊ का निधन
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