पटना 06 जुलाई, बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल(राजद)अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के दो दिन के अंदर उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने की धमकी पर आज कहा कि चारा घोटाले में सजायाफ्ता ‘भ्रष्ट’ व्यक्ति न्यायालय में मानहानि होने का दावा कैसे कर सकता है, यदि इसके बावजूद श्री यादव मुकदमा करते हैं तो वह सामना करने के लिए तैयार हैं। श्री मोदी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मुझ पर मानहानि का मुकदमा करने की श्री यादव की धमकी से मैं डरने वाला नहीं हूं। चारा घोटाले में सजायाफ्ता राजद अध्यक्ष को भ्रष्ट व्यक्ति कहना कहीं से गलत नहीं होगा। यहां तक कि न्यायालय में भी मैं उनको भ्रष्ट व्यक्ति ही बुलाउंगा क्योंकि उन्होंने गलत तरीके से 1000 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति अर्जित की है।” उन्होंने कहा कि वह पहले से ही मानहानि के कई मुकदमे झेल रहे हैं, यदि एक और हो जाए तो वह घबराने वाले नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि श्री मोदी ने मंगलवार को जनता दरबार के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में श्री यादव एवं उनके परिवार के खिलाफ काम के बदले जमीन मामले में एक नया खुलासा करते हुये कहा था कि राजद अध्यक्ष के बड़े पुत्र एवं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव को केवल तीन साल आठ माह की उम्र में ही लालू-राबड़ी सरकार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा ऊर्जा मंत्री रहे बृजबिहारी प्रसाद की पत्नी रमा देवी ने 23 मार्च 1992 को 13 एकड़ 12 डिसमिल जमीन दान में दी थी। इस पर राजद अध्यक्ष ने कल भाजपा नेता के आरोपों को निराधार बताते हुये कहा था कि इसके बारे में पता चलते ही उन्होंने दान को रद्द करवा दिया था। उन्होंने कहा था कि श्री मोदी गलत तथ्य पेशकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं और वह दो दिन के अंदर उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा करेंगे।
भाजपा नेता ने कहा कि श्री यादव ने यह तो स्वीकार कर लिया कि उनके पुत्र को श्रीमती रमा देवी ने 13 एकड़ 12 डिसमिल जमीन दान में दी थी और यह अलग बात ही है कि राजद अध्यक्ष ने 15 महीने बाद इस दान को रद्द करवा दिया था। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में राजद कोटे से मंत्री रहे रघुनाथ झा और कांति सिंह के अलावा बीपीएल कार्डधारी ललन चौधरी और रेलवे में खलासी पद पर नियुक्त कराये गये हृदयानंद चौधरी ने श्री यादव के परिवार को करोड़ों रुपये की जमीनें दान में दी थी तब उन्होंने इसे क्यों रद्द नहीं करवाया। यदि श्री यादव ईमानदार हैं तो उन्हें दान या उपहारस्वरूप मिली इन जमीनों के करार लेखा को रद्द करवाना चाहिए था। श्री मोदी ने कहा, “श्री यादव को पता था कि श्रीमती रमा देवी द्वारा श्री तेजप्रताप को दान में दी गई मुजफ्फरपुर जिले की 13 एकड़ 12 डिसमिल जमीन काफी सस्ती है, इसलिए इसे रद्द करवा दिया। लेकिन, वहीं उन्होंने दान में मिली महंगी जमीनों को खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया।” उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि श्री यादव काम कराने या लाभ पहुंचाने के एवज में केवल महंगी जमीनें ही स्वीकार करते रहे हैं। भाजपा नेता ने श्री यादव के 27 अगस्त को राजधानी पटना में होनेवाली राजद की रैली में उनकी बेनामी संपत्ति का खुलासा करने की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर कहा, “यदि राजद अध्यक्ष के पास मेरे खिलाफ कोई दस्तावेजी प्रमाण है तो उसे शीघ्र लोगों के सामने लाना चाहिए। इसके लिए दो महीने का इंतजार करने की कोई जरूरत नहीं है। मैं कोई बड़ी हस्ती नहीं हूं कि श्री यादव को मेरे खिलाफ प्रमाण देने के लिए पटना के गांधी मैदान में जमा होने वाली भीड़ का इंतजार करना पड़े।” उन्होंने आरोप लगाते हुये कहा कि श्री यादव अपनी 1000 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति को बचाने के लिए 27 अगस्त को रैली कर रहे हैं।”
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