गांधीनगर, 23 जुलाई, दो दिन पहले 21 जुलाई को अपने जन्मदिन के मौके पर कांग्रेस छोडने की घोषणा कर गुजरात में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सनसनी मचा देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने अंतत: आज विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद से अपना इस्तीफा पाटी अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को भेज दिया। श्री वाघेला के मीडिया समन्वयक निखिल देसाई ने आज यूनीवार्ता को बताया कि श्री वाघेला का तीन पन्ने का इस्तीफा श्रीमती गांधी को आज फैक्स, ईमेल और डाक के जरिये भेजा गया है। श्री वाघेला ने लिखा है कि वह कपडवंज के विधायक पद से अपना इस्तीफा नियम के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष को भेज देंगे। नेता प्रतिपक्ष पद से दिये इस्तीफे में उन्होंने हालांकि श्रीमती गांधी के नेतृत्व की तारीफ की है और उनके लिए त्यागमूर्ति और बेनजीर नेता जैसे शब्दों का प्रयोग किया है। उन्होंने उनके राजनीतिक सलाहकार तथा गुजरात के ही राज्यसभा सांसद अहमद पटेल की भी सराहना की है और यहां तक की राहुल गांधी की राजनीतिक सफलता की कामना भी की है। हालांकि उन्होंने लिखा है कि उन्हें पार्टी में एक षडयंत्र के तहत निकाला गया है। उन्होंने श्री गांधी, श्री पटेल और गुजरात कांग्रेस प्रभारी अशोक गेहलोत को पार्टी को बेहतर करने के अपने प्रस्तावों से अवगत कराया था पर कोई सकारात्मक प्रत्युत्तर नहीं मिला। उन्होंने कहा कि अपने आत्मसम्मान से समझौता कर पार्टी में रहना संभव नहीं है। पत्र में उन्होंनेे कांग्रेस में बीते अपने करीब आधे राजनीतिक जीवन के दौरान कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देने के लिए श्रीमती गांधी के प्रति आभार प्रकट किया है और दोहराया है कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे।
रविवार, 23 जुलाई 2017
वाघेला ने अंतत: अपना औपचारिक त्यागपत्र सोनिया को भेजा
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