लखनऊ 10 अगस्त, समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि वह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के नेतृत्व में आगामी 27 अगस्त को पटना में होने वाली महागठबंधन की रैली में शामिल होंगे। श्री यादव ने आज यहां कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को उप चुनाव में हार का डर सताने लगा है। उपचुनाव में उतरना नहीं चाहती है इसलिये तोड़फोड़ की राजनीति का सहारा लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उसके दो उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य एवं मंत्री मंडल के दो सदस्य पीछे के दरवाजे से मंत्रिमंडल में बना रहना चाहते हैं। चुनाव मैदान में न उतरकर दूसरी पार्टियों के विधान परिषद के सदस्यों को गुमराह कर उनसे इस्तीफा दिलाकर रास्ता साफ कर रहे हैं। उन्होंने के कहा कि भाजपा को सत्तारूढ़ हुए अभी चार महीने हुए हैं। उनकी दो तिहाई बहुमत से सरकार बनी है। अभी से चुनाव मैदान में उतरने से डरने लगे हैं जबकि भाजपा विधायक मुख्यमंत्री के लिये अपनी सीट छोड़ने के लिये तैयार हैं। यह एक यक्ष प्रश्न है कि आखिर पीछे का दरवाजा क्यों चुना जा रहा है। श्री यादव ने भाजपा के खिलाफ विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने के अपने अभियान चलाये जाने के बारे में इंकार करते हुए कहा कि समय आने पर देखा जायेगा। वह महागठबंधन की आगामी 27 अगस्त को होने वाली रैली में शामिल होने के लिये पटना जा रहे हैं। उन्होंने खाली हुई दो लोकसभा सीटों पर साझा विपक्षी उम्मीद तय किये जाने के बारे में किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इंकार करते हुए कहा कि इस बारे में हमारे जवाब का अभी इन्तजार करना होगा। उन्होंने कहा कि दो विधान परिषद सदस्यों का मेरे पर आरोप लगाकर भाजपा में शामिल होना समझ से परे है। दोनो सदस्यों ने कहा था कि “ मैंने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का अपमान किया है और भाजपा में शामिल हो गये। यह तर्क समझ से परे है कि कौन किसके साथ था। ” हाल ही में मुलायम सिंह यादव द्वारा लोहिया ट्रस्ट से उनके चार विश्वासपात्रों को हटाये जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने किसी विवाद से बचते हुए कहा कि “परिवार और पार्टी में ये सब चलता रहता है। ” श्री यादव ने कहा कि परिवार के विवाद में मीडिया ने उन्हें “औरंगजेब” बना दिया था। अब किसी प्रकार के विवाद में नहीं पड़ना चाहता हॅू। पूर्व मुख्यमंत्री ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी और मुलायम सिंह यादव की फ्लीट से तीन गाड़ियों को हटा दिया गया। मुझे एक पुरानी अंबेसडर कार दी गयी है। यह गाड़ी पहले ही तीन लाख किलोमीटर चल चुकी है। बाराबंकी स्थित टोल प्लाजा में 150 गाड़ियों के काफिलों का बिना फीस भरे आवागमन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने खेद प्रकट करते हुए कहा कि फीस जमा करनी चाहिए थी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध्य कराये जाने के बाद फीस जमा कर दी जायेगी।
गुरुवार, 10 अगस्त 2017
अखिलेश 27 अगस्त को महागठबंधन रैली में होंगे शामिल
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