बिहार में शिक्षकों पर गाज, 2017 की परीक्षा में खराब प्रदर्शन करने वाले होंगे दंडित - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 3 अगस्त 2017

बिहार में शिक्षकों पर गाज, 2017 की परीक्षा में खराब प्रदर्शन करने वाले होंगे दंडित

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पटना 03 अगस्त, बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में नवगठित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) सरकार ने मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा के खराब परिणाम को गंभीरता से लेते हुये आज कहा कि वर्ष 2017 में हुई वार्षिक परीक्षा में जिन शिक्षा पदाधिकारियों, प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों का प्रदर्शन खराब हुआ है, उन्हें चिन्हित कर दंडित किया जाएगा। मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री श्री कुमार की अध्यक्षता में आज यहां हुई शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के बाद बताया कि वर्ष 2017 में राज्य के जिन जिलों के विद्यालयों से मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा परिणाम खराब हुआ है या वहां से एक भी छात्र-छात्राएं उत्तीर्ण नहीं हो पाये हैं, वहां के शिक्षा पदाधिकारियों, प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों को चिन्हित कर दंडित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए ठोस कार्यक्रम तीन माह में लागू किये जाएंगे। श्री सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) को छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक प्रगति को और बेहतर बनाने के लिए मॉडल प्रश्न पत्र को उत्तर सहित तैयार कर विद्यार्थियों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इसके अलावा बीएसईबी को परीक्षा प्रणाली और उत्तर पुस्तिकाओं की मूल्यांकन व्यवस्था को और बेहतर बनाने को कहा गया है 


मुख्य सचिव ने बताया कि उच्च शिक्षा हासिल करने की चाहत रखने वाले विद्यार्थियों को सहयोग करने के उद्देश्य से सात निश्चय के तहत शुरू की गई स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को नवगठित सरकार में भी जारी रखते हुये पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति कार्यक्रम को भी चालू रखा जायेगा। उन्होंने बताया कि एक पंजीकृत सोसाइटी का गठन कर उसके माध्यम से दोनों योजनाएं (स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति) कार्यान्वित की जाएंगी। श्री सिंह ने राज्य में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) में वृद्धि को सरकार का मुख्य उद्देश्य बताया और कहा कि अब मात्र एक प्रतिशत बच्चे ही विद्यालय से बाहर रह गये हैं। इनमें अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चे एवं आर्थिक-सामाजिक रूप से अत्यंत पिछड़े वर्ग के बच्चे ज्यादा हैं। इन बच्चों को विद्यालय से जोड़ने एवं उम्र के अनुसार शिक्षा के लिये आवासीय शिक्षण की व्यवस्था अल्पसंख्यक कल्याण विभाग एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग से आर्थिक सहयोग प्राप्त कर शिक्षा विभाग द्वारा की जायेगी। मुख्य सचिव ने बताया कि जिन 947 प्राथमिक विद्यालय को भूमि प्राप्त हो गयी है, उनका भवन निर्माण राज्य सरकार के संसाधनों से कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि गणित, विज्ञान एवं अंग्रेजी विषय में माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये शीघ्र ही विद्यालयों में ई-लर्निंग की व्यवस्था शुरू करायी जायेगी। पहले इसे पायलट परियोजना के रूप में शुरू किया जाएगा और बाद में प्राप्त अनुभव के आधार पर इसका विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उच्च विद्यालयों की शिक्षण व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए शिक्षक नियोजन के लिये केन्द्रीयकृत व्यवस्था बनाई जायेगी। 

श्री सिंह ने बताया कि सभी विद्यालयों में शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा हो गया है इनमें नियमित रूप से साफ-सफाई के लिये 53000 विद्यालयों में ओवरहेड टैंक लगवाया जायेगा। इसके लिये राशि की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की संस्था या निगम के अन्तर्गत कॉर्पोरेट-सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) फंड से तथा आवश्यकता होने पर मुख्यमंत्री सहाय्य कोष से दिया जायेगा। मुख्य सचिव ने बताया कि अनुदानित विद्यालयों एवं महाविद्यालय जिन्हें अनुदान पहले नहीं दिये गये हैं, उनका भुगतान शीघ्र किया जायेगा। उन्होंने बताया कि आगे से उन्हें प्रदर्शन के साथ-साथ आधारभूत संरचना, शिक्षकों की उपलब्धता के साथ जोड़कर राशि देने की व्यवस्था की जायेगी ताकि उनमें शैक्षिक गुणवत्ता आ सके। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में जहां एक ही भवन में दो या दो से अधिक विद्यालय संचालित हैं, उन्हें एक ही विद्यालय में मर्ज किया जायेगा तथा पदस्थापित अतिरिक्त शिक्षकों को अन्य विद्यालयों में स्थानांतरित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी के तहत इस वर्ष 02 अक्टूबर से ‘बापू आपके द्वार’ कार्यक्रम संचालित किया जायेगा तथा सभी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में गांधी कथा वाचन शुरू किया जायेगा। बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आर. के. महाजन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीष चन्द्रा एवं मनीष कुमार वर्मा सहित शिक्षा विभाग के अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे। 

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