नयी दिल्ली, 25 अगस्त, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के नौकरशाहाें से सुशासन में नए प्रयोग करने के साथ ही खुद को फाइलों तक सीमित रखने की बजाए जमीनी स्तर पर उतर कर काम करने का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री ने केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत 80 अतिरिक्त सचिवों और संयुक्त सचिवों के साथ वृहस्पतिवार को दूसरे दौर की बैठक के मौके पर अधिकारियों के कार्य निष्पादन में नवाचार, अपशिष्ट प्रबंधन, नदी और पर्यावरण प्रदूषण, वन, स्वच्छता, जलवायु परिवर्तन, कृषि, शिक्षा और कौशल विकास जैसे विषयों पर उनके अनुभव सुने और उन्हें सुशासन के लिए बेतहर तरीके अपनाने की सलाह दी। प्रधानमंत्री ने नौकरशाहोें से अपील की कि वे सुशासन के लिए नए प्रयोग करें और खुद को फाइलों तक सीमित नहीं रखते हुए जनता से सीधे जुड़ने के लिए जमीनी स्तर पर उतर कर काम करें ताकि सरकारी नीतियों के प्रभावों का आकलन किया जा सके। इस संदर्भ में उन्हाेंने गुजरात में 2001 में आए विनाशकारी भूकंप के बाद वहां के अधिकारियों के अनुभवाें का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अपना काम सिर्फ ‘ड्यूटी’ समझ कर नहीं करना चाहिए बल्कि इसे देश में शासन तंत्र को और बेहतर बनाने के अवसर के रूप में लेना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से शासन तंत्र को सरल और सुगम बनाने के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की अपील की और कहा कि वह देश के 100 सबसे पिछड़े जिलों के विकास पर विशेष ध्यान दें ताकि देश की प्रगति को विकास के विभिन्न पैमानों पर आंका जा सके।
शनिवार, 26 अगस्त 2017
फाइलों तक सीमित न रहे नौकरशाही, जमीनी स्तर पर करे काम : मोदी
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