नयी दिल्ली,08 अगस्त, गुजरात में राज्यसभा चुनाव के हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच कांग्रेस ने चुनाव आयोग से दो बार मुलाकात अपने दो विधायकों के मतपत्र रद्द करने की मांग की, आयोग से मुलाकात के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी ने आयोग से दोनों विधायकों के मत रद्द करने की मांग की है । उन्होंने कहा कि इन विधायकों द्वारा अपना मतपत्र पार्टी के अधिकृत एजेंट के अलावा दो या तीन लोगों को दिखाने के वीडियोग्राफी सबूत मौजूद हैं । इसलिए इन विधायकों के मतपत्र अनिवार्य रूप से रद्द किये जाने चाहिए । श्री चिदंबरम ने बताया कि ऐसी परंपरा है कि अधिकृत व्यक्ति के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को मतपत्र दिखाने पर उसे रद्द कर दिया जाता है । इस संदर्भ में उन्होंने हरियाणा में जून 2016 में हुए राज्यसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय कांग्रेस के विधायक के वोट इसी आधार पर रद्द किये गये थे जबकि 2000 में राजस्थान में एक निर्दलीय का वोट रद्द किया गया था । उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग अपनी ही परंपरा के खिलाफ नहीं जा सकता । आयोग को संविधान ,कानून और अपने परिपत्र अनुरूप निर्णय लेना चाहिए । उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में चुनाव आयोग ही सर्वोच्च संवैधानिक संस्था है और चुनाव अधिकारी की नियुक्ति आयोग ने की है । गुजरात के चुनाव अधिकारी आयोग के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं । प्रतिनिधिमंडल में श्री चिंदबरम के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ,आनंद शर्मा ,पार्टी के गुजरात प्रभारी अशोक गहलोत ,रणदीप सिंह सुरजेवाला ,आर पी एन सिंह और आरपीएन सिंह शामिल थे । इससे पहले भी ने कांग्रेस नेता सुरजेवाला और आर पीएन सिंह ने आयोग से मुलाकात करके विधायक भोलाभाई गोहिल और राघवजी पटेल का मतदान रद्द करने की मांग की थी जिन्होंने अपना वोट पार्टी के एजेंट के अलावा अन्य लोगों को दिखाया ।
मंगलवार, 8 अगस्त 2017
चुनाव आयोग से गुजरात में दो विधायकों के मतपत्र रद्द करने की कांग्रेस की मांग
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