कांग्रेस की झारखंड में करीब 300 बच्चों की मौत मामले की न्यायिक जांच की मांग - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 30 अगस्त 2017

कांग्रेस की झारखंड में करीब 300 बच्चों की मौत मामले की न्यायिक जांच की मांग


congress-demands-judicial-inquiry-of-300-children-death-in-jharkhand
 नयी दिल्ली 30 अगस्त, कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी शासित उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बाद अब झारखंड की राजधानी रांची और जमशेदपुर के सरकारी अस्पतालों में पिछले चार माह में लगभग 300 बच्चों की दुखद मौत पर चिंता जताते हुए इसकी न्यायिक जांच कराने तथा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को पद से हटाने की मांग की है । कांग्रेस प्रवक्ता एवं झारखंड के प्रभारी आर पी एन सिंह ने आज यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित विशेष प्रेस ब्रीफिंग में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास से तत्काल इस्तीफे की भी मांग की । उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्य सरकारों की घोर लापरवाही के कारण सरकारी अस्पतालों में बच्चों के मरने का सिलसिला जारी है । देश के लिए इससे बडा काला दिन और नहीं हो सकता।उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भाजपा शासित राज्यों में स्वास्थ्य क्षेत्र की ढांचागत सुविधाओं की कमी पर गौर करने तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से झारखंड के लिए और कोष जारी करने की भी मांग की । प्रवक्ता ने बताया कि जमशेदपुर के सरकारी मेडिकल कालेज एमजेएम अस्पताल में पिछले चार माह में 164 बच्चों की तथा रांची के आरआईबीएस अस्पताल में पिछले 28 दिनों में 133 बच्चों की मौत हो गयी है । गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में इस माह 200 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है जिनमें पिछले 72 घंटों में 61 मौतें शामिल है । श्री सिंह ने कहा कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के गृह जनपदों के सरकारी अस्पतालों की यह दुर्दशा है तो बाकी का क्या हाल होगा।
श्री सिंह ने कहा कि राजस्थान के बांसवाडा के एम जी अस्पताल में पिछले 53 दिनों में 81 बच्चों की तथा छत्तीसगढ के रायपुर में आक्सीजन की कमी से तीन बच्चों की मौत हो चुकी है । उन्होंने कहा कि झारखंड में इतनी बडी संख्या में बच्चों की मौत के बावजूद मुख्यमंत्री रघुबर दास और स्वास्थ्य मंत्री ने अभी तक इस पर एक शब्द भी नहीं कहा है और मुख्यमंत्री ने अस्पताल जाना तक जरूरी नहीं समझा । प्रवक्ता ने बताया कि कांग्रेस की शिकायत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जमशेदपुर में बच्चों की मौत पर नोटिस जारी किया है । उच्च न्यायालय ने भी इसका संज्ञान लेते हुए सिविल एवं सत्र न्यायाधीश को अस्पताल जाकर रिपोर्ट देने को कहा है। इसके अलावा राज्यपाल ने भी इस पर गौर करने को कहा है । उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने मुख्यमंत्री ,स्वास्थ्य मंत्री और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ जमशेदपुर में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने दर्ज नहीं । पार्टी वहां तीन दिन से धरना दे रही है । उन्होंने बताया कि जमशेदपुर के अस्पताल में छह में से दो इन्क्युबेटर काम नहीं कर रहे थे और एक में तीन -तीन बच्चों को रखा जा रहा था । बाल विभाग में छह वेंटिलेटर काम नहीं कर रहे थे । श्री सिंह ने कहा कि राज्य सरकार इन बच्चों की मौतों का कारण कुपोषण बता रही है। कुपोषण के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि उसने सत्ता में आते ही महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बजट में 50 प्रतिशत की कटौती कर दी ।


कोई टिप्पणी नहीं: