बिहार : माले का जनकन्वेंशन कल, माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य सहित भाग लेंगे वाम दलों के प्रतिनिधि. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 7 अगस्त 2017

बिहार : माले का जनकन्वेंशन कल, माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य सहित भाग लेंगे वाम दलों के प्रतिनिधि.

  • शहर के जाने-माने प्रगतिशील बुद्धिजीवी, 74 आंदोलन के नेता भी लेंगे कन्वेंशन में हिस्सा.

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पटना 7 अगस्त, भाजपा-संघ द्वारा बिहार की सत्ता के अपहरण, जनादेश से अपमान व लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ भाकपा-माले का जनकन्वेंशन कल पटना के स्थानीय भारतीय नृत्य कला मंदिर में होगा. इसमें मुख्य वक्ता के बतौर भाकपा-माले के महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य भाग लेंगे. कन्वेंशन में भाग लेने के लिए वे आज शाम पटना पहुंच जायेंगे. जनकन्वेंशन में वाम दलों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है. सीपीआई, सीपीआई(एम), एसयूसीआई(सी), फारवर्ड ब्लाॅक और आरएसपी के प्रतिनिधि कन्वेंशन में शामिल होने के लिए अपनी सहमति जताई है. पटना शहर के कई बुद्धिजीवियों-शिक्षकों को भी कन्वेंशन में आयोजित किया गया है. मुख्य रूप से अर्थशास्त्री डीएम दिवाकर, प्रो. संतोष कुमार, पटना विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग की पूर्व अध्यक्ष प्रो. भारती एस कुमार, प्रो. महेन्द्र नारायण कर्ण, प्रो. विनय कंठ, प्रो. डेजी नारायण, 74 आंदोलन से जुड़े अरशद अजमल, रूपेश, एडवोकेट वसंत चैधरी आदि को जनकन्वेंशन में आमंत्रित किया गया है.


उधर, आज पटना में जनकन्वेंशन की तैयारी को लेकर शहर के विभिन्न इलाकों में नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया गया. पार्टी की राज्य कमिटी के सदस्य व इंकलाबी नौजवान सभा के राज्य सचिव काॅ. नवीन कुमार, आइसा के बिहार राज्य अध्यक्ष मोख्तार, वरिष्ठ पार्टी नेता मुर्तजा अली, अशोक कुमार, बाबू साहेब आदि नेताओं की टीम ने पटना शहर के सचिवालय, चितकोहरा, गर्दनीबाग, मलाहीपकड़ी, सब्जीबाग, दिनकर चैराहा, कारलिग चैक, पटना विवि गेट आदि स्थानों पर नुक्कड़ सभाओं का संबोधित किया. नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए माले नेताओं ने नीतीश कुमार के विश्वासघात के खिलाफ हल्ला बोला और कहा कि भाजपा ने चोर दरवाजे से बिहार की सत्ता हड़प ली है. इसे बिहार की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी. नीतीश सरकार भ्रष्टाचार पर ‘जीरो टाॅलरेंस’ का दावा करती है, लेकिन नीतीश शासन में टाॅपर से लेकर बीएसएससी घोटाले हुए, उसके पहले भी खजाना घोटाला हो चुका है. नई भाजपा-जदयू सरकार के 29 मंत्रियों में 22 मंत्रियों पर तरह-तरह के आरोप हैं. किसी पर भ्रष्टाचार का तो किसी पर अपहरण का तो किसी पर हत्या का. ऐसी स्थिति में, नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के नाम पर लड़ने का कौन सा दावा करते हैं?

माले नेताओं ने कहा कि दरअसल भाजपा को यह बर्दाश्त नहीं था कि बिहार की सत्ता उसके हाथ से बाहर रहे. इसलिए उसने नीतीश कुमार के साथ मिलकर बिहार में तख्तापलट कर दिया. नीतीश कुमार ने जनादेश 2015 से विश्वासघात किया और बिहार की जनता की पीठ में छूरा घोंप दिया. उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता में आते ही बिहार में भाजपाइयों-आरएसएस-बजरंग दल के लोगों ने उन्माद-उत्पात मचाना शुरू कर दिया है. भोजपुर के शाहपुर में बीफ की अफवाह उड़ा दी गयी और तीन लोगों को प्रताड़ित किया गया. दरअसल, भाजपा इसीलिए बिहार की सत्ता हड़पने को आतुर थी.

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