रणनीतिक क्षेत्र के लिए जीपीएस पर निर्भरता समाप्त - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 5 अगस्त 2017

रणनीतिक क्षेत्र के लिए जीपीएस पर निर्भरता समाप्त

dependence-on-gps-for-strategic-field-endsनयी दिल्ली 04 अगस्त, अंतरिक्ष तथा रक्षा जैसे रणनीतिक क्षेत्र के लिए ग्लोबल पॉजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) आधारित समय पर देश की निर्भरता अब समाप्त हो गयी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला (एनपीएल) ने आज एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है जिसके तहत सभी सरकारी विभागों तथा मंत्रालयों को इंडियन रीजनल नेविगेशनल सेटेलाइट सिस्टम (आईआरएनएसएस) के जरिये भारत का अपना समय उपलब्ध कराया जायेगा। अंतरिक्ष विभाग के मंत्री जितेन्द्र सिंह और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन की मौजूदगी में एनपीएल के निदेशक डॉ. दिनेश के. असवाल और इसरो के टेलीमिट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क के निदेशक वी.वी. श्रीनिवासन ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये। एनपीएल उन चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में शामिल है जो अंतरराष्ट्रीय परमाणु घड़ी से जुड़ा हुआ है। इसरो अब तक अमेरिकी रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित जीपीएस के समय से अपने समय को मिलाकर काम करता रहा है। परियोजना से जुड़े इसरो के एक वैज्ञानिक ने बताया कि अमेरिका कभी भी दुनिया के जिस हिस्से में चाहे जीपीएस सेवा बंद कर सकता है। उसने खाड़ी युद्ध के समय कुछ देशों के लिए जीपीएस सेवा बंद कर दी थी तथा कुछ अन्य देशों को दिये जाने आँकड़ों में गड़बड़ कर उन्हें कमजोर किया था । इसलिए, भारत के लिए अपनी समय प्रणाली होनी महत्त्वपूर्ण है। जीपीएस की चुनिंदा उपलब्धतता की नीति को वर्ष 2000 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्विंटन ने समाप्त किया था । आईआरएनएसएस के पहले चरण में सरकारी मंत्रालय और विभाग इसरो के ग्राहक होंगे। बाद में इस सेवा का विस्तार आम लोगों के लिए भी किया जायेगा। इसरो के वैज्ञानिक ने बताया कि इससे यदि भविष्य में अमेरिका भारत में जीपीएस सेवा बंद भी कर देता है तो उससे हमारे ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा आईआरएनएसएस के ग्राहकों को भारतीय समय, यूटीसी और जीपीएस का समय तीनों उपलब्ध होंगे। वैज्ञानिक ने बताया कि आईआरएनएसएस से प्राप्त समय एनपीएल के समय में अधिक से अधिक 20 नैनो सेकेंड (सेकेंड के पाँच करोड़वें हिस्से) का अंतर हो सकता है। दूसरे चरण में जब आम लोगों के लिए यह सेवा उपलब्ध करायी जायेगी तो महज कुछ सौ रुपये के एक ‘एप्लिकेशन स्पेसिफिक इंटीग्रेटेड सर्किट’ के जरिये वे यह भारतीय समय प्राप्त कर सकेंगे। इस सर्किट को किसी भी फोन से अटैच किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि अभी देश के सभी मोबाइल सेवा प्रदाता जीपीएस आधारित समय ही उपलब्ध करा रहे हैं। जीपीएस समय का संचालन अमेरिकी नौसेना की ऑब्जर्वेट्री द्वारा किया जाता है।

कोई टिप्पणी नहीं: