कांग्रेस की अपील पर ध्यान नहीं दे आयोग : भाजपा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 8 अगस्त 2017

कांग्रेस की अपील पर ध्यान नहीं दे आयोग : भाजपा

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नयी दिल्ली 08 अगस्त, भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग से गुजरात में राज्यसभा चुनावों में दो विधायकों के वोट रद्द करने की कांग्रेस की मांग पर ध्यान नहीं देने का अनुरोध किया है, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की। मुलाकात के बाद केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद हैं और ये कांग्रेस की हार की हताशा के परिणाम हैं। मतदान सुबह से हो रहा है लेकिन कांग्रेस ने सुबह से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। उन्होंने कहा कि मतपत्र पेटी में बंद होने के बाद कांग्रेस बौखला गयी है। इससे पहले पीठासीन अधिकारी ने कुल डाले गए मतों की घोषणा की जिससे कांग्रेस को हार का अहसास हो गया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनाव आयोग से अपील की कि कांग्रेस की मांग पर ध्यान नहीं देना चाहिए क्योंकि मतदान प्रक्रिया के दौरान कांग्रेस की ओर कोई आपत्ति नहीं की गयी और चुनाव अधिकारी तथा दोनों पर्यवेक्षकों ने कोई रिपोर्ट नहीं दी है। इसलिए आयोग को कांग्रेस की अपील पर ध्यान नहीं देते हुए मतगणना करानी चाहिए। श्री प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस को अगर अब कोई आपत्ति है ताे उसे अदालत में जाना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल में शामिल केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि मतदान के समय अगर शिकायत की जाती तो चुनाव अधिकारी संबंधित मतपत्र को रद्द कर सकता है या अलग रख सकता है। जब मत पत्र मतपेटी में बंद कर दिया जाता है तो उसके बाद शिकायत का कोई मतलब नहीं है और चुनाव अधिकारी का निर्णय अंतिम होता है। श्री गोयल ने कहा कि राज्यसभा चुनावों में गोपनीयता का कोई मतलब नहीं रह गया है। मौजूदा नियमों के अनुसार सदस्य अपना मतपत्र अपनी पार्टी के एजेंट को दिखाने के बाद मत पेटी में डालता है। अगर एजेंट चाहे तो बाहर जाकर सौ लोगों को बता देता है। इसलिए गुप्त मतदान का कोई मतलब नहीं है। प्रतिनिधिमंडल में इनके अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री निर्मला सीमारमण, पी पी चौधरी एवं मुख्तार अब्बास नकवी भी शामिल है। इससे पहले कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात कर अपने दो विधायकों के वोट रद्द करने की मांग की।

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