बिहार में बाढ़ का तांडव, नीतीश ने मोदी से लगाई मदद की गुहार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 13 अगस्त 2017

बिहार में बाढ़ का तांडव, नीतीश ने मोदी से लगाई मदद की गुहार

flood-in-bihar-nitish-apeel-to-center
पटना 13 अगस्त, नेपाल और बिहार के जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के कारण गंगा समेत राज्य की सात प्रमुख नदियों के लाल निशान से ऊपर रहने से राज्य के सात जिलों में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से तत्काल हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही सेना से मदद की गुहार लगाई है। मुख्यमंत्री ने जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही व्यापक वर्षा और पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज, मधुबनी, सुपौल और पश्चिम चम्पारण जिले में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह तथा आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के साथ एक बैठक की। बैठक में उन्होंने प्रभावित जिलों में चलाये जा रहे कार्यो की समीक्षा की तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। श्री कुमार ने बैठक के बाद प्रधानमंत्री, गृह मंत्री राजनाथ सिंह तथा केन्द्रीय गृह सचिव से दूरभाष पर बात कर उन्हें प्रभावित जिलों की पूरी स्थिति के संबंध में जानकारी दी। साथ ही उन्होंने हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध भी किया। प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाये जाने के लिये राष्ट्रीय आपदा बल (एनडीआरएफ) की दस कम्पनियों और वायु सेना का एक हेलिकॉप्टर भेजे जाने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने राज्य में पहले से उपलब्ध एनडीआरएफ की टीम को तत्काल प्रभावित इलाकों में भेजे जाने का निर्देश दिया है । बाढ़ में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित एवं ऊंचे स्थानों पर ले जाने का निर्देश दिया गया है। प्रभावित जिलों में बचाव एवं राहत कार्य तेजी से शुरू कर दिये गये हैं और बाढ़ में फसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने की कार्रवाई एनडीआरएफ के जवान कर रहे हैं। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार, गंडक डुमरिया घाट में 54, बागमती बेनीबाद में 67, कमला बलान झंझारपुर में 224 , कोसी बालतारा में 165 तथा महानंदा नदी का जलस्तर ढेंगराघाट एवं झावा में क्रमश: 166 और 72 सेंटीमीटर खतरे के लाल निशान से ऊपर है। कोसी बसुआ में लाल निशान से 145 सेंटीमीटर ऊपर है जो वर्ष 2010 के उच्चतम जलस्तर से भी अधिक है। इसी तरह गंगा, घाघरा, गंडक, बूढी गंडक, बागमती, अधवारा समूह, कमला बलान, कोसी और महानंदा नदी के जलस्तर में कई स्थानों पर लगातार वृद्धि हो रही है। आयोग के अनुसार, बिहार में पिछले 24 घंटे के दौरान बाल्मीकिनगर में 141, समस्तीपुर में 124, कमतौल में 150, जयनगर में 102, अररिया में 85, रोसड़ा में 138 और झंझारपुर में 102 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इसी तरह चनपटिया में 100, खगड़िया में 50, हायाघाट में 126, एकमीघाट में 125, बसुआ में 140, वीरपुर में 454 और गलगलिया में 205 मिलीमीटर वर्षा हुई है। विभाग ने अगले 24 घंटे के पूर्वानुमान में कहा कि बिहार की सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में साधारण से मध्यम वर्षा हो सकती है। 



इस बीच मधुबनी से यहां प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, कमला बलान नदी में आये उफान के कारण लोकहा-मधुबनी राजकीय उच्च पथ पर बाढ़ का पानी आ जाने से यातायात ठप हो गया है । इसी तरह घोघरडीहा-हटनी मुख्य मार्ग पर पानी आ जाने से जिला मुख्यालय से सम्पर्क टूट गया है। मधुबनी स्टेशन परिसर में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है जिसके कारण यात्रियों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार मधुबनी जिले के कई सरकारी कार्यालयों, स्कूलों और थाना परिसर में भी बाढ़ का पानी फैल गया है। जिले के बाबू बरही और दगनियां प्रखंड के नौ से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं। इन इलाकों के लोग पशुओं के साथ ही सुरक्षित स्थान पर पलायन कर गये हैं। स्थानीय प्रशासन की ओर से राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है। शिवहर से प्राप्त सूचना के अनुसार, बागमती नदी के लाल निशान से ऊपर रहने से जिले के पिपराही प्रखंड के नरकटिया और बेलबा गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। बाढ़ के कारण पांच सौ से अधिक लोग प्रभावित हुये हैं। राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 104 पर बाढ़ का पानी दो फुट ऊपर आ जाने से जिला मुख्यालय का सड़क सम्पर्क मोतिहारी और सीतामढ़ी से टूट गया है। सुपौल से प्राप्त ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वीरपुर बराज से आज फिर दो लाख 67 हजार 220 क्यूसेक पानी कोसी नदी में छोड़े जाने से आये उफान से जिले के छह प्रखड़ों के 78 गांव बाढ़ की चपेट में आ गये। बाढ़ के कारण 72 हजार 550 लोग प्रभावित हुए हैं। इन इलाकों में स्थानीय प्रशासन की ओर से 172 नौका लगाया गया है। इसी तरह पीड़ित लोगों को किसी तरह की परेशनी न हो इसके लिये ऊंचे एवं सुरक्षित स्थान पर एक राहत शिविर बनाया गया है जिसमें 971 लोग शरण लिये हुए हैं। इसी तरह चार स्वास्थ्य केन्द्र भी बनाये गये हैं, जहां 24 घंटे चिकित्सकों की तैनाती की गयी है। बेतिया से मिली सूचना के अनुसार, बूढी गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि एवं उफान से पश्चिम चम्पारण जिले के लगभग नौ प्रखंडों के सात लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। नरकटियागंज स्टेशन परिसर में बाढ़ का पानी आ जाने से ट्रेनों को मार्ग बदल कर चलाया जा रहा है। रक्सौल से दिल्ली जाने वाली सत्याग्रह एक्सप्रेस को मार्ग बदलकर भाया हाजीपुर- छपरा होते हुए चलाया जा रहा है वहीं मुजफ्फरपुर-बांद्रा अवध एक्सप्रेस का परिचालन मोतिहारी से होकर किया जा रहा है। बाढ़ के कारण इनरवा थाना के खनिया गांव में एक कच्चा मकान गिर जाने से महिला नूरा खातून की दबकर मौत हो गयी। किशनगंज से मिल रही सूचना के अनुसार, बाढ़ का पानी रेल पटरी पर आ जाने से हावड़ा-डिब्रूगढ़ कामरूप एक्सप्रेस ट्रेन स्टेशन पर ही खड़ी है। बगहा-गोरखपुर-नरकटियागंज रेलखंड पर बाढ़ के कारण ट्रेनों का परिचालन बाधित है। कटिहार-बारसोई-गुवाहाटी रेल खंड पर कई जगहों पर पानी आ जाने से परिचालन बाधित हो गया है। इस मार्ग पर कई ट्रेनों को रद्द किया गया है। 


पूर्णिया से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, जिले में पिछले 24 घंटे से हो रही घनघोर बारिश से परमार, महानंदा और कंकई नदी लाल निशान से ऊपर है जिसके कारण निचले इलाकों के तीन प्रखड़ वायसी, बैसा और अमोर में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गयी है। जिलाधिकारी प्रदीप कुमार झा ने बताया कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रभावित इलाकों में राज्य आपदा बल (एसडीआरएफ ) को लगाया गया है। प्रभावित लोगों के लिये तत्काल दस राहत शिविर लगाये गये हैं, जहां चिकित्सकों की तैनाती गयी है। इसी तरह पशु चिकित्कों को भी राहत कार्य में लगाया गया है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि कल रात में पश्चमी कंकई नदी में अप्रत्याशित पानी आ जाने से मजकुरी जहानपुर तटबंध पर बांध एवं राष्ट्रीय उच्च पथ-63 के मिलान बिन्दु के निकट पानी ऊपर से बह रहा है जिसके कारण बांध 20 मीटर की लम्बाई तक क्षतिग्रस्त हो गया है। क्षतिग्रस्त स्थल पर सिंचाई विभाग के अभियंता कैम्प कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि आज दिन में ललबकिया नदी में अप्रत्याशित पानी आने से दांया मार्जिनल तटबंध पर ढाका प्रखंड के बलुआ गांव के पास बाढ़ का पानी ऊपर से बह रहा है। बाढ़ का पानी तटबंध के ऊपर से बहने के कारण कुछ दूरी तक लम्बाई में क्षतिग्रस्त हो गया है। मरम्मति का काम किया जा रहा है। 

कोई टिप्पणी नहीं: