गोरखपुर जैसी घ्रटनाएं शर्मनाक : जेटली - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 21 अगस्त 2017

गोरखपुर जैसी घ्रटनाएं शर्मनाक : जेटली

incidents-like-gorakhpur-shameful-jaitley
मुंबई, 20 अगस्त, केन्द्रीय वित्त और रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने नये भारत में गोरखपुर जैसे हादसे को ‘ शर्मनाक ’ करार दिया है। श्री जेटली ने आज यहां भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के नये भारत संकल्प कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गोरखपुर का हादसा शर्मनाक है। उन्होंने नये भारत के बुनियादी ढांचे का उल्लेख करते हुए कहा “ गोरखपुर जैसी शर्मनाक घटना नहीं होनी चाहिये । ” उन्होंने नोटबंदी का जिक्र करते हुए कहा कि इसके बाद और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) की आतंकवादियों को कथित रूप से फडिंग करने वालों की धर पकड़ के बाद अलगाववादियों के समक्ष विदेशों से धन पोषण का आकाल हो गया है। घन की तंगी के चलते घाटी में अलगाववादियों की गतिविधियों में भी कमी आयी है। गौरतलब है कि एनआईए ने पिछले महीने 24 जुलाई को घाटी से छह और दिल्ली से एक व्यक्ति को पकड़ा था जो कथित रूप से अलगाववादियों को वित्त पोषण करते थे। गुरुवार को अलगाववादियों को धन मुहैया कराने के मामले में घाटी के एक बड़े कारोबारी जहूर वटाली को भी पकड़ा गया है। श्री जेटली ने कहा कि 08 नवम्बर को नोटबंदी और एनआईए की अलगाववादियों के खिलाफ हाल की गतिविधियों से पत्थरबाजों की संख्या नगण्य रह गयी है। कुछ समय तक पहले यह होता था कि आतंकवादियों के छिपे होने पर सुरक्षा बलों की कार्रवाई अथवा किसी आतंकवादी के मरने पर हजारों की संख्या में पत्थरबाज इकट्ठा होकर रूकावटे डालते थे किन्तु अब यह स्थिति एकदम बदल गयी है और मुश्किल से 25-50 लोग ही एकत्रित हो पाते है। इसकी मुख्य वहज अलगाववादियों को मिलने वाले धन पर नकेल लगना है।

कोई टिप्पणी नहीं: