नयी दिल्ली 16 अगस्त, कांग्रेस ने आज फिर कहा कि गोरखपुर में बच्चों की मौत की घटना की जांच उच्चतम न्यायालय के किसी मौजूदा न्यायाधीश से करायी जानी चाहिए जिससे निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके और दोषियों को सजा मिल सके। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि केंद्र सरकार के अनुसार गोरखपुर त्रासदी की जांच प्रधानमंत्री कार्यालय की निगरानी में हो रही है। उन्होंने सवाल किया, “ क्या कोई प्रधानमंत्री अपने मुख्यमंत्री के खिलाफ रिपोर्ट दे सकता है।” कांग्रेस नेता ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस कथन को खारिज किया कि कांग्रेस की तत्कालीन केंद्र सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे श्री आजाद ने गोरखपुर में बच्चों की “दिमागी बुखार” की बीमारी के इलाज के संबंध में सहयोग करने से इंकार करते हुए कहा था कि यह राज्य सरकार का मामला है। श्री आजाद ने कहा कि उनके स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए गोरखपुर के सांसद के तौर पर आदित्यनाथ उनसे कभी नहीं मिले और न ही कभी फोन किया। कांग्रेस नेता ने कहा कि दिमागी बुखार की बीमारी से निपटने के लिए उनकी अध्यक्षता में एक मंत्री समूह का गठन किया गया था और लगभग 4100 करोड़ रुपए जारी किए गए थे। श्री आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में गाेरखपुर त्रासदी को प्राकृतिक हादसा बताया जबकि यह मानव निर्मित हादसा है। इसके लिए राज्य सरकार की लापरवाही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में आॅक्सीजन की आपूर्ति करने वाली पहली कंपनी गोरखपुर की थी लेकिन भाजपा की सरकार आने पर इसका अनुबंध रद्द कर दिया गया और आपूर्ति की जिम्मेदारी इलाहाबाद की एक कंपनी को दी गयी। उन्होंने कहा कि पुरानी कंपनी को हटाने आैर नयी कंपनी को लगाने की परिस्थितियों की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा,“आॅक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत हो जाए तो यह किसी भी सरकार के लिए शर्म की बात है।”
बुधवार, 16 अगस्त 2017
गोरखपुर त्रासदी की जांच उच्चतम न्यायालय के जज से हो:कांग्रेस
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