झारखंड धर्म स्वतंत्र विधेयक प्रारूप को मंजूरी, चार साल तक की होगी सजा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 1 अगस्त 2017

झारखंड धर्म स्वतंत्र विधेयक प्रारूप को मंजूरी, चार साल तक की होगी सजा

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रांची 01 अगस्त, झारखंड सरकार ने राज्य में लालच देकर या जबरन धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने के लिए आज झारखंड धर्म स्वतंत्र विधेयक 2017 के प्रारूप को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुये कहा गया है कि झारखंड धर्म स्वतंत्र विधेयक 2017 के प्रारूप को अनुमोदित कर दिया गया है। इस प्रारूप विधेयक की धारा तीन में बलपूर्वक धर्मांतरण रोक लगाने का प्रावधान किया गया है। धारा तीन के प्रावधानाें का उल्लंघन करने वालों को तीन वर्ष तक के कारावास या 50 हजार रुपये तक के जुर्माना अथवा दोनों दंड भुगतना पड़ सकता है। यदि यह अपराध नाबालिग, महिला, अनुसूचित जाति या जनजाति के प्रति किया गया है तो कारावास की अवधि चार वर्ष तक और जुर्माना एक लाख रुपये तक होगा। झारखंड सरकार ने खान एवं खनिज अधिनियम 1957 की धारा 15 को संशोधित कर इसके अंतर्गत झारखंड माइनर मिनरल (ऑक्सन) रूल्स 2017 को अधिसूचित करने की स्वीकृति प्रदान की है। इससे लघु खनिज के खनन पट्टों के निष्पादन में पारदर्शिता आयेगी। खनिज समनुदान नियमावली 2016 के आलोक में आंशिक संशोधन की स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में आपदा में जानमाल के होने वाले नुकसान पर तत्काल राहत पहुंचाने के उद्देश्य से प्रत्येक जिले के उपायुक्त को एक करोड़ रुपये एकमुश्त आवंटन दिए जाने का निर्णय लिया है। इससे प्राकृतिक आपदा, अन्य स्थानीय आपदा तथा वज्रपात से प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल राहत राशि उपलब्ध कराई जा सकेगी। इससे पूर्व उपायुक्त को 25 लाख रुपये आवंटन दिए जाने का प्रावधान था। अग्निश्मन सेवा के राजपत्रित एवं अराजपत्रित संवर्ग की नियुक्तियों तथा झारखंड गृह रक्षा वाहिनी सेवा के अराजपत्रित संवर्ग के पदों पर होने वाली नियुक्तियों को निःशक्त व्यक्ति अधिनियम 1995 के दायरे से तथा निःशक्त जनों के लिये तीन प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के सामंजन से मुक्त रखने का निर्णय लिया गया।



बैठक में पाकुड़ जिला के अमड़ापाड़ा में 30 बेड वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण के लिये सात करोड़ नौ लाख 55 हजार 300 रुपये की व्यय की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अलावा झारखंड आधार (लक्षित वित्तीय एवं अन्य सहायिकी की, लाभ एवं सेवा प्रदाय) विधेयक प्रारूप 2017 को भी मंजूरी दी गई। केंद्र सरकार ने आधार (लक्षित वित्तीय एवं अन्य सहायिकी की, लाभ एवं सेवा प्रदाय) विधेयक 2016 के लागू होन के बाद राज्य की आवश्यकताओं के अनुरूप झारखंड राज्य आधार विधेयक बनाने के उद्देश्य से यह स्वीकृति प्रदान की गई। सरकार ने नौ क्षेत्रीय जनजातीय भाषाओं के लिए नौ सांस्कृतिक पुनरूत्थान केन्द्र की स्थापना के साथ ही मेदनीनगर नगर निगम बनाये जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। राज्य में व्यवसायिक मोटर प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के लिए परिवहन विभाग को पूर्व में हस्तांतरित भूमि को निःशुल्क झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाईटी, उच्च तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग को देने की स्वीकृति प्रदान की गई। इससे रांची के इटकी, दुमका के काठीकुण्ड, साहेबगंज के बोरयो, गिरिडीह, गोड्डा एवं देवघर में व्यवसायिक मोटर प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के लिए भूमि हस्तांतरित हो सकेगी।

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