लखनऊ 17 अगस्त, पिछले विधानसभा चुनाव में किसानों से किये गये वादे को जमीन पर उतारते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज ऋण मोचन योजना के तहत 7500 किसानों को कर्ज माफी के प्रमाण पत्र वितरित किये। इस माैके पर पिछली सरकारों पर जातिवाद,परिवारवाद और संप्रदायवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्नदाता को स्वावलम्बी बनाने के मकसद के तहत सूबे में अब किसान और युवा केन्द्रित राजनीति को तवज्जो दी जायेगी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने चुनावी घोषणापत्र में किसानों से किये गये कर्जमाफी के वायदे के गरीब और सीमांत किसानों द्वारा 31 मार्च 2016 तक लिया एक लाख रूपये का फसली ऋण माफ करने की घोषणा की थी। सरकार की इस योजना से सूबे के करीब 86 लाख किसान लाभान्वित होंगे। इस पर करीब 36 हजार करोड़ रूपये का अतिरिक्त बोझ सरकार पर पड़ेगा। श्री योगी ने कहा कि किसानो की कर्जमाफी कर सरकार कोई उपकार नहीं कर रही है बल्कि यह उनका अधिकार है। किसानों की माली हालत सुधारने और उनके हितों की रक्षा के लिये सरकार कटिबद्ध है। वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने की हर मुमकिन कोशिश की जायेगी। किसानों काे स्वावलम्बी बनाने के लिये केन्द्र द्वारा जारी सभी योजनाओं का लाभ अन्नदाताओं तक पहुंचाया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा लिये गये कर्ज का भुगतान बैंकों को किया जा रहा है। बैंकर्स को कहा गया है कि वे इस बारे में किसानों काे कोई नोटिस न भेजे। एनपीए के बारे में सरकार जरूरी कार्रवाई कर रही है।
शुक्रवार, 18 अगस्त 2017
जमीन पर उतरा कर्जमाफी का वादा,योगी ने 7500 किसानों को दिये प्रमाणपत्र
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