नाबार्ड की अधिकृत पूंजी छह गुना बढ़ाने के प्रावधान वाला संशेाधन विधेयक पारित - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 3 अगस्त 2017

नाबार्ड की अधिकृत पूंजी छह गुना बढ़ाने के प्रावधान वाला संशेाधन विधेयक पारित

ls-passes-bill-to-allow-nabard-to-enhance-its-capital-base-to-rs-30-000-cr
नयी दिल्ली,03अगस्त, किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि क्षेत्र की आधारभूत संरचना के विकास को गति देने के लिए राष्टीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड)की अधिकृत पूंजी 5000 करोड़ रूपए से बढ़ाकर 30,000 करोड़ रूपये करने के प्रावधान वाले विधेयक को लोकसभा ने आज ध्वनिमत से पारित कर दिया, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (संशोधन) विधेयक 2017 पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि इससे कृषि पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की समस्याओं का समाधान आसानी से होगा। किसानों को दिए जाने वाले कर्जों में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। वर्ष 2016-17 में 10 लाख 65 हजार करोड़ के रिण दिए गए। इस दौरान किसानों को 12 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी भी दी गई। उन्होंने कहा कि किसानों के हित के लिए एक व्यापक विधेयक तैयार किया जा रहा है। उनके जवाब के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। विधेयक में नाबार्ड की अधिकृत पूंजी को 5000 करोड़ रपये से बढ़ाकर 30,000 करोड़ रूपए किए जाने के साथ ही जरूरत पड़ने पर केंद्र को रिजर्व बैंक से परामर्श करके इस राशि को 30,000 करोड़ रपये से अधिक बढ़ाने का भी अधिकार देने की भी व्यवस्था है। इसमें हथकरघा उद्योगों को नाबार्ड के दायरे में लाने का भी प्रावधान किया गया है। विधेयक के माध्यम से नाबार्ड में आरबीआई की 0. 4 प्रतिशत हिस्सेदारी को भारत सरकार को हस्तांतरित करने का भी प्रावधान जोड़ा गया है जो 20 करोड़ रूपये होगी। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने नाबार्ड कानून, 1981 में संशोधन के प्रस्तावों को गत मार्च में मंजूरी दी थी।

कोई टिप्पणी नहीं: