बेंगलुरु. 06 अगस्त, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने राजनीतिक पार्टियों से बहुलतावाद को अपने एजेंडे के सारतत्व के रूप में शामिल करने के महत्व को रेखांकित करते हुए आज कहा कि यही एक तरीका है जिससे संविधान के अनुसार देश को आगे बढ़ाया जा सकता है। श्री अंसारी ने नेशनल स्कूल ऑफ लॉ यूनिवर्सिटी ऑफ इंडिया के 25 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीतिक पार्टियां धर्म को शासन के एक भाग के रूप में पहचान दिलाने के लिए अपने कार्यक्रम या सिद्धांत तैयार करती हैं, जिसका संविधान स्पष्ट रूप से निषेध करता है। उन्होंने कहा कि ऐसी सोच संविधान की बुनियादी विशेषता का उल्लंघन करती हैं। श्री अंसारी ने कहा, ' सकारात्मक धर्मनिरपेक्षता ऐसी राजनीति व्यवस्था को नकारती है तथा इस दिशा में आगे बढ़ना संविधान का उल्लंघन होगा। '
सोमवार, 7 अगस्त 2017
राजनीतिक दल बहुलतावाद को एजेंडे में करें शामिल: उपराष्ट्रपति
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