नयी दिल्ली 16 अगस्त, सरकार ने देश में मेट्रो के दिनों-दिन बढते जाल और बड़े शहरों की मेट्रो नेटवर्क शुरू किये जाने की मांग को देखते हुए नयी मेट्रो रेल नीति बनायी है जिसमें केन्द्रीय सहायता हासिल करने के लिए परियोजनाओं में निजी क्षेत्र की भागीदारी को अनिवार्य बनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस नीति को मंजूरी दी गयी। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली तथा शहरी विकास मंत्री नरेन्द्र तोमर ने संवाददाताओं को बताया कि नयी मेट्रो रेल नीति राज्य सरकारों के साथ परामर्श के बाद बनायी गयी है और इसमें मेट्रो परियोजनाओं के लिए निजी- सार्वजनिक भागीदारी के पीपीपी मॉडल को अनिवार्य बनाया गया है। नीति में प्रावधान किया गया है कि केवल उन्हीं मेट्रो परियोजनाओं के लिए केन्द्रीय सहायता मंजूर की जायेगी जो पीपीपी माॅडल पर आधारित होगी। निजी क्षेत्र की भागीदारी बढाने का कदम मेट्रो परियोजनाओं की भारी भरकम लागत को देखते हुए उठाया गया है जिससे कि पूंजी जुटाई जा सके। निजी क्षेत्र की भागीदारी स्चालित किराया प्रणाली , संचालन और सेवाओं के रख रखाव जैसे किसी भी क्षेत्र में की जा सकती है। उन्होंने कहा कि देश में मेट्रो का जाल तेजी से फैल रहा है और कई बड़े शहर मेट्रो नेटवर्क शुरू करने की मांग कर रहे हैं जिसे देखते हुए मेट्रो रेल के लिए एक सुव्यवस्थित नीति बनाना जरूरी हो गया था।
गुरुवार, 17 अगस्त 2017
मेट्रो परियोजनाओं के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी जरूरी
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