गाजरघास जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
सी.आर.डी.ई कृषि विज्ञान केन्द्र, जिला सीहोर द्वारा विकासखण्ड सीहोर के ग्राम बिजलोन में गाजरघास जागरूकता सप्ताह अंतर्गत जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शासकीय माध्यमिक विद्यालय, बिजलोन के विद्यार्थियों, आर.के.डी.एफ विष्ववि़द्यालय, भोपाल के विद्यार्थियों व ग्राम के कृषकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र के संदीप चैहान, वैज्ञानिक, द्वारा गाजरघास का एकीकृत नियंत्रण की जानकारी कृषकों व विद्यार्थियों को देते बताया कि गाजरघास के लगातार सम्पर्क में आने से मनुष्यों में डरमेटाइटिस, खुजली, एक्जिमा, बुखार, दमा आदि जैसी बीमारियाॅ होती है। इस खरपतवार द्वारा खाद्यान्न फसलों की पैदावार में भी लगभग 20-30 प्रतिषत तक की कमी आती है। गाजरघास से कम्पोस्ट खाद बनाने की विधियों के विषय पर विस्तृत चर्चा की, साथ ही गाजरघास उन्मूलन हेतु विद्यार्थियों व कृषकों में जागरूकता लाने हेतु प्रेरित किया। डाॅ. सुरेष चन्द कांटवा, विषेषज्ञ ने गाजरघास से होने वाली हानियों व पशुओं पर पडने वाले कुप्रभावों से संबंधित जानकारी बताई। पशुओं के लिए गाजरघास अत्यधिक विषाक्त होती है। इसको खाने पशुओं में अनेक प्रकार के रोग व बीमारियाॅ पैदा हो जाती है एवं दुधारू पशुओं में दुग्ध उत्पादन क्षमता में कमी आने लगती है। श्री बी.एल. विष्वकर्मा, गा्रमीण कृषि विस्तार अधिकारी, सीहोर ने कृषक बंधुओ को गाजर घास उन्मूलन हेतू जागरूक किया। कार्यक्रम के दोरान शासकीय माध्यमिक विद्यालय, के आसपास की गाजरघास को उखाडकर स्वच्छता की गई। साथ ही गाजरघास जागरूकता रैली भी निकाली गई व नारे लगाकर जागरूकता लाई गई। गाजरघास का करे विनाष, तभी बचेगा चारा घास। कम्पोस्ट बनाये, कचरे से सोना बनाये आदि नारो के माध्यम से जागरूकता पर चर्चा की गयी।
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