रिजर्व बैंक को नोटबंदी की सिफारिश पर शर्म आनी चाहिए : चिदंबरम - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 31 अगस्त 2017

रिजर्व बैंक को नोटबंदी की सिफारिश पर शर्म आनी चाहिए : चिदंबरम

the-rbi-should-be-ashamed-of-its-recommendation-about-notebandi-chidambaram
नयी दिल्ली 30 अगस्त, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नोटबंदी पर रिजर्व बैंक को घेरते हुये कहा है कि केन्द्रीय बैंक को इसकी ‘सिफारिश’ करने के लिए शर्म आनी चाहिए, रिजर्व बैंक की आज जारी 2016-17 की वार्षिक रिपोर्ट में नोटबंदी के बाद बैंकिंग तंत्र में वापस आये नोटों का आंकड़ा जारी करने पर श्री चिदंबरम ने कई ट्विट कर रिजर्व बैंक को घेरा। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने जो आंकड़े दिये हैं उससे यह झलकता है कि क्या नोटबंदी योजना को कालेधन को सफेद करने के लिए लाया गया था। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद केवल 16 हजार करोड़ रुपये के नोट वापस नहीं आये हैं जबकि 15.44000 करोड़ रुपये बैंकिंग तंत्र वापिस जमा कराये गये। यह राशि उस समय प्रचलन में रहे 500 और एक हजार रुपये के नोटों की कुल राशि का महज एक प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक को नोटबंदी की सिफारिश के लिए शर्म आनी चाहिए। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी से केन्द्रीय बैंक को 16 हजार करोड़ रुपये का ‘लाभ’ हुआ जबकि नये नोटों के मुद्रण पपर 21 हजार करोड़ रुपये का ‘नुकसान’ रहा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी की सिफारिश करने वाले अर्थशास्त्रियों को नॉबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि कुल नोटों का 99 प्रतिशत कानूनी रूप से बदला गया। उन्होंने सवाल किया कि क्या नोटबंदी की योजना का डिजाइन इस तरीके से तैयार किया गया था कि कालेधन को सफेद धन में बदला जाये।

कोई टिप्पणी नहीं: