नयी दिल्ली, 11 सितम्बर, सेना के सर्विसेज कोर के 100 से ज्यादा अधिकारियों ने पदोन्नति में कथित भेदभाव और नाइंसाफी के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। कुछ दिनों पहले ही रक्षा मंत्रालय का पद संभालने वाली रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए यह मुद्दा गम्भीर चुनौती हो सकता है। इन सैन्य अधिकारियों ने अपनी याचिका में कहा है कि सरकार और सेना की मौजूदा पदोन्नति नीति से उनके साथ अन्याय हुआ है, इससे उनके मनोबल पर असर पड़ता है। इससे देश की सुरक्षा भी प्रभावित हो रही है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जब तक पदोन्नति में समानता न लायी जाये, तब तक सर्विसेज कोर के अधिकारियों को कॉम्बैट ऑर्म्स के साथ तैनात न किया जाये। लेफ्टिनेंट कर्नल पी. के. चौधरी के नेतृत्व में सैन्य अधिकारियों ने अपनी संयुक्त याचिका में कहा है कि सर्विसेज कोर के अधिकारियों को ऑपरेशनल क्षेत्र में तैनात किया जाता है। सर्विस कोर के अधिकारियों को भी कॉम्बैट ऑर्म्स कोर के अधिकारियों की तरह की ही चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि ऐसी स्थिति में सर्विसेज कोर के अधिकारियों को कॉम्बैट ऑर्म्स के अधिकारियों की तरह ही पदोन्नति क्यों नहीं दी जा रही है। उन सभी को इस तरह के प्रमोशन से क्यों वंचित किया जाता है?
मंगलवार, 12 सितंबर 2017
सर्विसेज कोर के अधिकारी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
Tags
# देश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
देश
Labels:
देश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें