पटना 20 सितम्बर, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवायी में राज्य में भष्टाचार की भयावह गंगा बह रही है और इस भ्रष्टाचार रूपी गंगा का प्रवाह इतना तेज है कि बड़े-बड़े घोटाले तो हो ही रहे हैं अब नवनिर्मित बांध भी टूटने लगे हैं। श्री यादव ने यहां कहा कि भागलपुर के कहलगांव में लगभग 828 करोड़ रुपये की लागत से तैयार गंगा पम्प नहर परियोजना का नवनिर्मित बांध कल टूट गया। जल संसाधन विभाग प्रदेश में भ्रष्टाचार का गढ़ और लूट का सबसे बड़ा अड्डा बन चुका है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार की सरपरस्ती में जल संसाधन विभाग में बाढ़, कटाव रोधक कार्य और राहत कार्य के नाम पर लगातार घोटाले हो रहे हैं। प्रतिपक्ष के नेता ने सवालिया लहजे में कहा कि नहर एवं बांध निर्माण की मरम्मत में संवेदकों और अभियंताओं की मिलीभगत से क्या मुख्यमंत्री श्री कुमार अवगत नहीं हैं। नैतिकता की बड़ी-बड़ी पाठ पढ़ाने वाले श्री कुमार जल संसाधन विभाग में हो रहे घोटाले का संज्ञान क्यों नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री कुमार की ऐसी कौन सी मजबूरी है कि उन्होंने इस विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार को नजर अंदाज कर दिया है।
श्री यादव ने कहा कि एक मुख्यमंत्री के लिये इससे बड़ी प्रशासनिक विफलता क्या होगी जो उनके उद्घाटन करने से महज कुछ घंटे पहले ही लोगों का लगभग 828 करोड़ रुपये भ्रष्टाचार की गंगा में बह गया। जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले श्री कुमार के सामने प्रतिदिन हजारों करोड़ रुये के घोटाले उजागर हो रहे हैं फिर भी पता नहीं किस नैतिकता के आधार पर वह इमानदारी का ढोल पीट रहे हैं। प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि प्रदेश के लोग भी अब यह कहने लगे हैं कि जबतक राष्ट्रीय जनता दल (राजद ) सरकार में था तब एक भी घोटाला उजागर नहीं हुआ था। महागठबंधन की सरकार में राजद बड़ी पार्टी थी और उसमें श्री कुमार के कथित भ्रष्ट सिपहसलारों को घोटाला करने की छूट नहीं थी शायद इसीलिये उनका दम घुट रहा था। श्री यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री का इकबाल अब समाप्त हो चुका है और उनकी तथाकथित छवि से पूरा देश परिचित हो चुका है। लोगों को पता है कि बिहार सरकार में चूहे कैसे भ्रष्टाचारी बन गये हैं, जो अब मिट्टी नहीं सीमेंट और कंक्रीट के बांध तथा नहर को भी सरकारी सरपरस्ती में कुतर रहे हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें