पटना 9 सितंबर, भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल और अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव काॅ. धीरेन्द्र झा ने संयुक्त प्रेस बयान जारी करके कहा है कि बाढ़ पीड़ितों के प्रति सरकार की घोर संवेदनहीनता व आपराधिक लापरवाही के खिलाफ आज बाढ़ प्रभावित इलाकों में चक्का जाम आंदोलन असरदार साबित हुआ है. लोगों ने अपने आक्रोश का खुलकर इजहार किया है. उन्होंने कहा कि इस्ट वेस्ट काॅरिडोर एनएच 57 को बाढ़ पीड़ितों ने कई स्थानों पर पूरी तरह ठप्प कर दिया. बोचहां, सिकटी, मब्बी, मुरिया, अररिया, पूर्णिया आदि जगहों पर एचएच 57 को माले कार्यकर्ताओं ने घंटो जाम रखा. सहरसा-फारबिसगंज एनएच को भी जाम किया गया. सहरसा, मधेपुरा और त्रिवेणीगंज में हाइवे व स्टेट सड़कों पर परचिानल ठप्प रहा. दरभंगा-समस्तीपुर एसएच को बिसनपुर व समस्तीपुर के जटमल में जाम किया गया. दरभंगा जिले में लगभग 10 स्थानों पर सड़क जाम कर यातायात पूरी तरह ठप्प कर दिया गया. पूर्णिया में प्रदर्शनकारियों ने आरएन साह चैक को जाम कर दिया. पश्चिम चंपारण और गोपालगंज में भी कई स्थान पर सड़क जाम हुए.
माले नेताओं ने कहा कि पिछले एक महीने से संपूर्ण उत्तर बिहार में प्रलयंकारी बाढ़ की बर्बादी-तबाही मची हुई है. सैकड़ो लोगों की अकाल मौत हो चुकी है. हजारो पशुधन मारे गये हैं. गरीबों का सारा अनाज बर्बाद हो गया है. झोपड़िया दह-बह गयी हैं तथा अब गांव-गांव में भूखमरी है. चूल्हे नहीं जल रहे व चारा के अभाव में मवेशियों की लगातार मौत हो रही है. लेकिन सरकार अभी तक जरूरतमंदों के पास फूड पैकेट तक नहीं पहुंचा पा रही है. जो भी राहत सामग्री पहुंच रही है, उसे बिचैलिये बीच में ही गायब कर दे रहे हैं. जमीन पर सरकार नाम की कोई भी चीज नहीं दिख रही है. उन्होंने कहा कि आज के चक्का जाम के दौरान बाढ़ की विनाशलीला को देखते हुए तमाम बाढ़ पीड़ितों को 3 माह का राशन व 15 हजार रु. तत्काल उपलब्ध कराने की मांग की गयी. गरीबों को काम नहीं मिल रहा है. हमारी मांग है कि गरीबों-मजदूरों को मनरेगा की 3 महीने की अग्रिम मजदूरी दी जाए. मृतक के परिजनों को 10 लाख रु. मुआवजा दिया जाए. हम बटाईदार किसानों सहित सभी किसानों के लिए 15 हजार रु. प्रति एकड़ की दर से फसल मुआवजे की भी मांग करते हैं. पशुधन क्षति का भी उपयुक्त मुआवजा और चारे की मुकम्मल व्यवस्था का ठोस इंतजाम भी किया जाए. बाढ़ का स्थायी समाधान निकाला जाए. उत्तर-पूर्व के सभी गरीबों को पक्का मकान उपलब्ध कराया जाए.
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