- किसान मुक्ति यात्रा का चैथा चरण व पांचवें चरण बिहार से होकर गुजरेगी. तैयारी को लेकर बैठक.
पटना 3 सितंबर, आज पटना के छज्जूबाग स्थित 13, एमएलए आवास संख्या में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की बैठक हुई. बैठक समिति के राष्ट्रीय कोर ग्रुप के सदस्य व अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजाराम सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई. इस बैठक में अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य सचिव विनोद कुमार, किसान-मजदूर विकास संगठन के प्रवक्ता सच्चिदानंद पंडित, एआईकेएमएस के रामवृक्ष राम व शंभू प्रसाद सिंह, स्वराज अभियान के देवनाथ देवन, अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव, राज्य सचिव रामाधार सिंह, भारतीय क्रांतिकारी किसान संघ के राजेन्द्र प्रसाद, अखिल भारतीय किसान महासभा के पाल बिहारी लाल, उमेश सिंह, राजेन्द्र पटेल, अभाकिम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष केडी यादव, असंगठित क्षेत्र कामगार यूनियन के रामनंदन प्रसाद सहित किसान संगठनों के नेता शामिल हुए.
बैठक में बिहार में किसान मुक्ति यात्रा एवं 20 नवंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर आहूत किसान रैली को बड़े पैमाने पर सफल बनाने पर निर्णय लिया. विदित हो कि देश के 162 किसानों-आदिवासियों के संगठनों ने एकता बनाकर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का गठन कर, देश के बटाईदारों, छोटे-मध्यम किसानों समेत सभी किसानों के सरकारी व महाजनी कर्जों से मुक्ति एवं स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करते हुए फसलों की लागत डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य देने आदि के सवाल पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ रखा है. समिति के नेतृत्व में विगत 6 जुलाई से 18 जुलाई तक मध्यप्रदेश के मंदसौर से 7 राज्यों में किसान मुक्ति यात्रा चलाते हुए 18 जुलाई को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विशाल रैली हुई थी. यह किसान मुक्ति यात्रा 6 चरणों में पूरे देश में निकलेगा. चैथे व पांचवें चरण की यात्रा बिहार से होकर गुजरेगी, जिसमें देश के बड़े किसान नेतागण भाग लेंगे. तथा 20 नवंबर को दिल्ली में बड़ी रैली होगी. बैठक ने 2-3 अक्टूबर व 2-5 नवंबर को बिहार से गुजरने वाली किसान मुक्ति यात्रा के दौरान बड़ी-बड़ी सभायें आयोजित करने और 20 नवंबर को दिल्ली के किसान रैली में बिहार से 50 हजार किसानों को भागीदार बनाने का निर्णय लिया गया.
2-3 अक्टूबर को बिहार के चंपारण, मोतिहारी, गोपालंगज, सिवान होते हुए यूपी की ओर प्रस्थान करेगी. 2-5 नवंबर को किसान मुक्ति यात्रा बिहार के नवादा, नालंदा, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, रोहतास, भोजपुर, पटना, बेगूसराय, व समस्तीपुर होते हुए मुजफ्फरपुर में समाप्त होगी. बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव पारित कर बिहार के बाढ़ पीड़ितों, बाढ़ से मारे गये नागरिकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुए सरकार की आपराधिक लापरवाही व राहत कार्य में उदासीनता व लूट का विरोध किया गया तथा बाढ़ के स्थाई समाधान, तत्काल राहत कार्य में तेजी लाने, बटाईदारों, छोटे-मध्यम किसानों सहित सभी किसानों केा फसल क्षति मुआवजा देने की मांग की गयी.
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