संयुक्त राष्ट्र 23 सितंबर, भारत ने दुनिया की समस्याओं के समाधान के लिये गठित संयुक्त राष्ट्र को खुद ही समस्याग्रस्त बताते हुए सुरक्षा परिषद में सुधार एवं विस्तार को लेकर विचार विमर्श तुरंत शुरू करने का आज आह्वान किया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 72वें अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि हम दुनिया में तमाम बदलावों एवं उथल पुथल को लेकर बहस कर रहे हैं लेकिन जो संस्था दुनिया की समस्याओं का समाधान करने के लिए बनी है आज वह खुद समस्याग्रस्त है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह संस्था उन धारणाओं को पूरा नहीं कर पा रही है जिनके लिये यह बनी है। उन्होंने कहा कि 18 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र में सुधारों पर एक बैठक में उन्होंने हिस्सा लिया था जिसमें इस वैश्विक निकाय में सुधारों के लिये कुछ करने की तीव्र उत्कंठा दिखायी दी। वर्ष 2005 के वैश्विक सम्मेलन में एक सहमति बनी थी कि सुरक्षा परिषद में तुरंत सुधार एवं विस्तार संयुक्त राष्ट्र सुधारों का आवश्यक अंग है। उन्होंने कहा कि पिछले अधिवेशन में सुरक्षा परिषद में विस्तार एवं सुधार को लेकर लिखित आधार पर विचार विमर्श आरंभ करने का प्रयास शुरू हुआ था और 160 से अधिक देशों ने इस प्रयास का समर्थन किया था। यदि हम इसे लेकर गंभीर हैं तो हम कम से कम एक लिखित खाका तैयार करें जो विचार विमर्श का आधार बने। उन्होंने उम्मीद जतायी कि महासभा के सभापति के नेतृत्व में यह काम प्राथमिकता से किया जाएगा। अगर यह हो पाया तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। श्रीमती स्वराज ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के नए महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से उन्हें बहुत आशाएं हैं। अगर वह शांति एवं सुरक्षा के ढांचे में सुधार चाहते हैं तो उन्हें शांतिरक्षा से जुड़े बहुप्रतीक्षित सुधारों पर तुरंत कदम उठाने होंगे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार किए बिना विश्व व्यवस्था में सुधार के लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता।
रविवार, 24 सितंबर 2017
सुरक्षा परिषद में सुधारों पर बहस जल्द शुरू हो : सुषमा
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