- सहित्यनुरागी ग्रामीण पूरी रात डटे रहे
अंधराठाढी/मधुबनी (आलम अंसारी) अंधराठाढ़ी। शनिवार की रात डुमरा गांव में सगर राति दीप जरय का आयोजन हुआ। यह इसका 95 वा आयोजन था। कथाकार नारायण यादव इसके संयोजक और प्रमोद, लाल बहादुर, अनिल और संजय कुमार व्यवस्थापक थे। वरिष्ठ कथाकार और टैगोर पुरस्कार से सम्मानित जगदीश प्रसाद मंडल, डॉक्टर कमला कांत झा, विधान पार्षद राम लखन राम रमन और नारायण यादव ने दीप जलाकर संयुक्त रूप से इसका उद्घाटन किया। सगर राति दीप जले कार्यक्रम मैथिली कथा साहित्य और संस्कृति को बचाये रखने का प्रयास है। यह स्वतः स्फूर्त कार्यक्रम है। बाल मनोविज्ञान, प्रेम के बदलते रूप और सामाजिक रूढ़िवादिता पर चोट करती हुई कहानियां पढ़ी गयी और उन्हें खूब सराहा गया। इसके बाद कथा संग्रह त्रिकालदर्शी, नवकी पुतोहु, पुननर्वा और कविता संग्रह फूलवाइर का लोकार्पण हुआ। इसके रचयिता क्रमशः जगदीश प्रसाद मंडल, नारायण यादव, कपिलेश्वर राऊत और राम लखन राम रमन हैं। बाल कथाकार अनुभव आनंद की बाल कथा गप्पू भैया चोर नै छैथ से कथा सत्र शुरू हुआ। राम लखन राम रमन, जगदीश प्रसाद मंडल, डॉक्टर कमला कांत झा, वरिष्ठ कवि कथाकार प्रीतम निषाद, डॉक्टर उमेश कुमार, रतन रवि, कपिलेश्वर राऊत, रामविलास साहू, शंभूशरण, नंदलाल राय, दीनानाथ प्रसाद, उमेश नारायण कर्ण, आनंद झा, आनंद मोहन, बाबूनन्दन झा, बाल गोविंदाचार्य, लक्ष्मीदास रामचंद्र राय, बैद्यनाथी राम, शंभू सौरभ, राधाकांत मंडल आदि दर्ज़नो मैथिली कथाकारो और कवियों ने बारी-बारी से कविताओं और कथाओं का वाचन किया। युवा कथाकार बैद्यनाथी राम की कथा गरीबक हाल पर लोग देर तक तालियां बजाते रहे। समीक्षा पैनल के प्रधान निर्मली कॉलेज के डॉक्टर शिवकुमार प्रसाद थे।
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