रांची 07 सितम्बर, झारखंड सरकार के खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य है जहां प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत लाभुकों को प्रथम रिफिल सिलेंडर के साथ गैस स्टोव नि:शुल्क दिया जा रहा है। श्री चौबे ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 22 सितंबर को राज्य सरकार के कार्यकाल के 1000 दिन पूरे हो रहे हैं और इन 1000 दिनों में खाद्य विभाग ने कई उल्लेखनीय कार्य किये हैं। राज्य के प्रत्येक नागरिक को खाद्यान्न सुलभ कराने के उद्देश्य को पूरा करने में विभाग सफल रहा। उन्होंने कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य है जहां प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत लाभुकों को प्रथम रिफिल सिलेंडर के साथ गैस स्टोव नि:शुल्क दिया जा रहा है। सचिव ने कहा कि अक्टूबर 2015 से राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू किया गया है जिसके तहत अब तक 56 लाख छह हजार 879 परिवारों को एक रुपये की दर से चावल और गेहूँ का वितरण किया जा रहा है जबकि अधिनियम लागू होने से पहले यह आंकड़ा 35 लाख नौ हजार 833 परिवार था। उन्होंने कहा कि खाद्यान्न वितरण 97 हजार मीट्रिक टन से बढ़कर एक लाख 45 हजार मीट्रिक टन हो गया। उन्होंने बताया कि डीलर को दिये जाने वाले कमीशन को भी 26 पैसे से बढाकर एक रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया गया है। लाभुकों के दिये जाने वाले आयोडीन नमक की गुणवत्ता मे सुधार करते हुए अब उन्हें डबल फोर्टिफाईड आयोडीनयुक्त नमक का वितरित किया जा रहा है।
श्री चौबे ने कहा कि इस अधिनियम के तहत अब तक 1038714 राशन कार्ड रद्द किये जा चुके है और 931079 नये राशन कार्ड जोड़े गए हैं, जो विभाग की प्रमुख उपलब्धि है। इससे अगस्त 2017 तक 72000 हजार मीट्रिक टन अनाज यानि 225 करोड़ रुपये की बचत की गई है। उन्होंने कहा कि शत प्रतिशत राशन कार्ड को आधार से लिंक कराने का कार्य पूर्ण हो चुका है। अब तक मात्र 19000 परिवारों का ही राशन कार्ड नहीं बन पाया है, जो जनजाति परिवार है और उनके आधार सीडिंग का कार्य चल रहा है। जल्द ही इन्हें भी जोड़ दिया जाएगा। सचिव ने कहा कि खाद्य विभाग को पूर्ण रूप से कंप्यूटरीकृत किया जा चुका है। इसके अलावा जन वितरण प्रणाली को और अधिक सृदृढ़ बनाने के उद्देश्य से खाद्यान्न की ढुलाई करने वाले वाहनों में जीपीएस आधारित टाॅल फ्री का आधिष्टापन करते हुए वाहनों की ट्रैकिंग की जा रही है। श्री चौबे ने कहा कि इसके अलावा विभाग द्वारा उपभोक्ता हेल्पलाईन का गठन का किया गया है जो उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी देता है। वहीं, धान आधिप्राप्ति के लिए बोनस भुगतान योजना के तहत किसानों को धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य 1470 रुपये के अतिरिक्त 130 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिया जा रहा है।
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