नयी दिल्ली 15 सितंबर, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने लाेकतंत्र की मजबूती के लिए लोकसभा और विधानसभाअों समेत सभी चुनाव एक साथ कराने तथा चुनाव से सम्बन्धित याचिकाओं के जल्द निपटारे के लिए विशेष न्यायाधिकरण गठित करने पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत बतायी है, श्री नायडू ने आज यहां एक कार्यक्रम में दलबदल निरोधक कानून को और सख्त बनाने ,चुनावी खर्च कम करने के तौर तरीकों पर विचार करने ,पेड न्यूज पर रोक लगाने और स्थानीय निकायों के चुनाव अनिवार्य रूप से हर पांच वर्ष में सुनिश्चित करने का भी सुझाव दिया । पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी की पुस्तक ‘अन डाक्युमेंटेड वंडर -द मेकिंग आफ द ग्रेट इंडियन इलेक्शन’ के हिंदी अनुवाद ‘लोकतंत्र के उत्सव की अनकही कहानी ’ का लोकार्पण करने के बाद श्री नायडू ने अपने संबोधन में कहा कि अब समय आ गया है कि सभी राजनीतिक दल इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करें कि लोकसभा ,विधानसभाअों तथा स्थानीय निकायों के चुनाव एकसाथ हों। पूरे साल ‘चुनावी उत्सव’ होने से विकास कार्य प्रभावित होते हैं और मुख्य मुद्दों से ध्यान हट जाता है। उन्होंने कहा कि चुनाव सम्बन्धी याचिकाओं के निपटारे में विलंब होने के कारण फैसले का कोई मतलब नहीं रह जाता । इसलिए एक तय समय में याचिकाओं के निपटार के लिए विशेष चुनाव न्यायाधिकरण गठित किये जाने पर विचार किया जाना चाहिए । दलबदल को लोकतंत्र को कमजोर करने वाली बीमारी बताते हुए उन्होंने कहा कि इस पर रोक लगाने के लिए सम्बन्धित कानून को और सख्त बनाया जाना चाहिए ।
शनिवार, 16 सितंबर 2017
लोकसभा ,विधानसभा चुनाव एक साथ कराने पर हो विचार : नायडू
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