शिक्षा के विस्तार के बिना विकास अर्थहीन : नीतीश कुमार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 6 सितंबर 2017

शिक्षा के विस्तार के बिना विकास अर्थहीन : नीतीश कुमार

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पटना 05 सितंबर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य और देश के चौतरफा विकास के लिए शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुये आज कहा कि शिक्षा के विस्तार के बिना विकास का कोई अर्थ नहीं है। श्री कुमार ने यहां शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा, “राज्य और देश के विकास में शिक्षा का अहम योगदान है। यदि शिक्षा का विस्तार नहीं हो तो किसी भी प्रकार के विकास का कोई अर्थ नहीं होगा। हमने शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और इसके लिए राज्य के बजट का 20 प्रतिशत से अधिक का आवंटन किया है।” मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की अपील करते हुये कहा कि शिक्षक यह न सोचें कि वह केवल नौकरी कर रहे हैं बल्कि समाज में उनकी बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षकों के लिये बहुत कुछ किया है और आगे जो भी संभव होगा, वह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों के लिये सेवा-शर्त बनाई जा रही है और वह लागू भी की जाएगी। 


श्री कुमार ने राज्य में शिक्षा का विस्तार करने के लिए उनकी सरकार की ओर से किये गये प्रयासों का जिक्र करते हुये कहा कि जब पहली बार काम करने का अवसर प्राप्त हुआ तो उन्हें बताया गया कि 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूल से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध सरकार ने इसके लिए 20 हजार से अधिक प्राथमिक विद्यालय खोले, प्राथमिक विद्यालयों को मध्य विद्यालय और मध्य विद्यालयों को उच्च विद्यालय में उत्क्रमित किया गया। इसके अलावा व्यापक पैमाने पर शिक्षक नियुक्त किये गये। उन्होंने कहा कि शिक्षा के विकास के लिए किये गये अथक प्रयास की बदौलत ही वर्ष 2006 में स्कूल से बाहर बच्चों का प्रतिशत घटा जो अब एक प्रतिशत से भी कम रह गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौती शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है। उन्होंने कहा कि स्कूल जाना भी अपने आपमें शिक्षा का ही रूप है। इससे बच्चों में शिक्षा का एहसास होता है। उन्होंने कहा कि गरीबी के कारण पहले लड़कियां 5वीं कक्षा के आगे नहीं पढ़ पाती थी। इसके मद्देनजर वर्ष 2007 में बालिका पोशाक योजना की शुरुआत की गयी। इससे छात्राओं में उत्साह आया और मध्य विद्यालयों में उनकी संख्या बढ़ गयी। उन्होंने कहा कि लड़कियों को 8वीं से आगे पढ़ने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने के लिए बालिका साइकिल योजना की शुरूआत की गयी। उन्होंने कहा कि उच्च विद्यालयों में कक्षा नौ में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या भी एक लाख 70 हजार से बढ़कर नौ लाख हो गयी है। श्री कुमार ने कहा कि यदि लड़कियां नहीं पढ़ेंगी तो समाज तरक्की नहीं कर पाएगा। यह शिक्षा के विस्तार का ही परिणाम है कि बिहार की प्रजनन दर 3.9 से घटकर 3.2 पर आ गया है। उन्होंने कहा कि प्रजनन दर के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किये जाने पर स्पष्ट हुआ कि देश के किसी भी हिस्से में यदि पत्नी मैट्रिक पास है तो प्रजनन दर दो है, बिहार में भी ऐसी स्थिति में प्रजनन दर दो ही है। यदि पत्नी इंटर तक पढ़ी है तो देश में प्रजनन दर 1.7 है, वहीं बिहार में यह 1.6 है। इन तथ्यों के आधार पर लगा कि समाधान मिल गया है। यदि बिहार की प्रत्येक लड़की को 12वीं तक की शिक्षा दी जाये तो प्रजनन दर में राष्ट्रीय औसत को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हर ग्राम पंचायत में प्लस टू की पढ़ाई के लिए उच्चतर माध्यमिक स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया। आज पांच हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों में उच्चतर माध्यमिक स्कूल खोले जा चुके हैं। शेष में भी उच्चतर माध्यमिक स्कूल खोले जाएंगे। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लस टू से आगे उच्च शिक्षा में बिहार का सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) मात्र 13.9 प्रतिशत है। इसे राष्ट्रीय औसत से आगे ले जाने के लिए राज्य में स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गयी। उन्होंने कहा कि जितने प्रकार की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति दी जा रही थी, वह सभी योजनाएं चालू रहेंगी। साथ ही स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड भी चालू रहेगा। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य बच्चों को अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बने बिना उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना है। इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिये भी कार्ययोजना बनायी जा रही है। श्री कुमार ने शिक्षक दिवस के अवसर पर उत्कृष्ट कार्य के लिए शिक्षक कृष्णचंद्र चौधरी, हाफिज अनवर, डाॅ. अर्चना चौधरी, ममता कुमारी, शोभानंद सिंह, बिजेन्द्र कुमार, अवधेश पाण्डेय, रंभा सिन्हा सहित चौदह शिक्षकों को सम्मानित किया। साथ ही शिक्षक कल्याण कोष में सबसे अधिक योगदान करने के लिये पटना, नालंदा और पश्चिम चंपारण के जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी सम्मानित किया गया। समारोह को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने भी संबोधित किया। इस मौके पर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आर. के. महाजन, सचिव राॅर्बट चोंग्थू, पटना प्रमंडल के आयुक्त आनंद किशोर, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, बिहार शिक्षा परियोजना निदेशक संजय कुमार सिंह, अपर सचिव शिक्षा मनोज कुमार सहित वरीय अधिकारी, शिक्षक, गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्रायें उपस्थित थे। 

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