पं. कमलापति त्रिपाठी काशी की संस्कृति के धरोहर थे : विश्वम्भरनाथ मिश्र - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 4 सितंबर 2017

पं. कमलापति त्रिपाठी काशी की संस्कृति के धरोहर थे : विश्वम्भरनाथ मिश्र

  • उनकी 112वीं जयंती के मौके पर आयोजित ‘राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार‘ समारोह में सम्मानित हुए कई पत्रकार 

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लखनऊ (सुरेश गांधी )। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के सीनियर लीडर पंडित कमलापति त्रिपाठी की 112वीं जयंती धूमधाम से मनायी गयी। इस मौके पर हिन्दू संस्थान के यशपाल सभागार में आयोजित ‘राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार‘ समारोह में पंडित कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन वाराणसी की ओर से कई पत्रकारों को भी सम्मानित किया गया। प्रथम पुरस्कार टीवी एंकर विनोद दुआ को दिया गया। उन्हें एक लाख रुपये का चेक और स्मृति चिन्ह भी दिया गया। जबकि अन्य वरिष्ठ पत्रकारों को स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा पंडित कमलापति त्रिपाठी जी द्वारा लिखे ग्रंथ ‘बापू और भारत’ का विमोचन भी किया गया। इन्दिरा गांधी शताब्दी वर्ष में आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन और पं कमलापति त्रिपाठी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, श्रीमती इन्दिरा गांधी जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं राष्ट्रगीत वन्देमातरम से तथा समापन राष्ट्रगान से हुआ।  


कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस कार्य समिति की सदस्य मोहसिना किदवई ने कहा कि आजादी की लड़ाई में पत्रकारों व शायरों का बहुत बड़ा योगदान है। आज देश के हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। पं कमलापति त्रिपाठी एक सिद्धान्तनिष्ठ राजनेता और मूल रूप से निर्भीक, स्वतंत्र एवं ईमानदार पत्रकार और सम्पादक थे। उनमें मानवीय संवेदना और सिद्धान्तनिष्ठा की दृढ़ता निहित थी। वह एक उसूलपसन्द इन्सान थे। जिन्होने राजनीतिक प्रशासक के रूप में बुनियादी सिद्धान्तों से कभी समझौता नहीं किया। वह गांधी की परम्परा के पत्रकार और राजनीतिज्ञ थे जिसने आजादी से पहले और आजादी के बाद भी संघर्षों की मिसाल कायम की। वाराणसी के संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भर नाथ मिश्र ने कहा कि आज सबकुछ है लेकिन विजन नहीं है। बनारस को क्योटो बनाने की बात करना ठीक वैसे ही जैसे किसी पिता को उसके बेटे की नकल करने को कहा जाएं। श्री मिश्र ने कहा कि पंडित जी काशी की संस्कृति के राष्ट्रीय राजनीतिज्ञ क्षितिज पर आदर्श प्रतिनिधि थे। पंडित जी की पत्रकारिता सच्चाई, निर्भिकता और आवाम की आवाज थी। देश की आजादी में पत्रकारों, साहित्यकारों का अहम किरदार था। वे वसुल पसंद राजनेता और पत्रकार थे। 

सम्मानित होने वालों में टीवी एंकर विनोद दुआ ने कहा कि इलकेट्रानिक व सोशल मीडिया के आने के बाद समाज की आवाज और बुलंद हो गई है। उन्होंने पत्रकारों का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें नेताओं से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। हम माध्यम हैं नेताओं के क्लब के मेंबर नहीं। हमें कभी भी सरकारी व दरबारी बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। हम अपनी-अपनी समझ व काबिलियत के अनुसार समझते हैं और विश्लेषण करते हैं। सोशल मीडिया जब से आया है तब से बिना कुछ सोचे-समझे जिसे जो मन में आता है वह लिख देता है। उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार पर चुटकी लेते हुए कहा, दिक्कत इंजन में है और हम गाड़ी का पहिया बदल रहे हैं। कहा, कि आज की पत्रकारिता अघोषित आपातकाल से गुजर रही है जिसमें लोग खौफजदा हैं, कहना चाहते हैं लेकिन नहीं कह सकते। ऐसे में पंडित कमलापति त्रिपाठी जिस स्वतंत्र पत्रकारिता के कायल थे वह प्रेरणादायक है। 


पंडित कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन के अध्यक्ष राजेशपति त्रिपाठी ने लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा परिवार 90 साल से कांग्रेस से जुड़ा है। धर्मनिरपेक्षता का झंडा हम ऐसे ही बुलंद रखेंगे। पंडित जी कृतिजीवि पत्रकार थे । पंडित जी राष्ट्र सेवा और पत्रकारिता के वक्ति उपज थे। विशिष्ट अतिथि एवं दिल्ली विष्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश सिंह ने कहा कि पं0 कमलापति त्रिपाठी के प्रखर सम्पादकीय अग्रलेखों का प्रभाव था कि मेरे पिता किषोरवय में सन 42 की क्रान्ति में क्रान्तिकारी गतिविधियों की तरफ उन्मुख हो गये। वह भारतीयता की चेतना से ओतप्रोत और राजनेता थे। वरिष्ठ पत्रकार श्री के विक्रमराव ने कहा कि पं कमलापति त्रिपाठी पत्रकारिता और राजनीति के समान रूप से पुरोधा थे जिन्होने न केवल आजादी की लड़ाई में योगदान दिया बल्कि देश में सबसे पहले आगे बढ़कर श्रमजीवी पत्रकारों को संगठित भी किया। कार्यक्रम में प्रो. राममोहन पाठक ने भी विचार व्यक्त किए। सम्मानित होने वाले पत्रकारों में नवीन जोशी, दिलीप अवस्थी, अतुल चंद्रा, गोविंद पंत राजू, राजेंद्र द्विवेदी, रवींद्र सिंह, सुरेंद्र दुबे, शरत प्रधान, रोली खन्ना, आलोक पराड़कर, प्रदीप शाह, किशन सेठ, सुबीर रॉय, जोखू तिवारी, निरंकार सिंह, गोपेश पांडेय आदि शामिल हैं। समारोह का संचालन प्रो सतीश राय एवं धन्यवाद ज्ञापन श्री बैजनाथ सिंह ने किया। वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मानित करने वालों में श्री ललितेशपति त्रिपाठी, श्री शिवानन्द पाण्डेय, श्री सौरभ तिवारी, श्री अखिलेश त्रिपाठी, श्री अंकित तिवारी, श्री सतीश चैबे, श्री प्रजानाथ शर्मा शामिल रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में पूर्व सांसद श्रीमती अन्नू टण्डन ने अहम भूमिका अदा की।

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