रांची 09 सितम्बर, झारखंड की राजधानी रांची में जहरीली शराब से 16 लोगों की हुयी मौत के विरोध में प्रदेश कांग्रेस कमिटी के आह्वान पर आज रांची शहर बंद का मिलाजुला असर रहा । रांची में बंद के कारण सड़को पर वाहनों का आवागमन आम दिनों की तुलना में कम रहा जबकि कई व्यवसायिक पतिष्ठानें बंद रही । इसके अलावा राजघानी के ज्यादातर स्कूलों को भी ऐहतियात के तौर पर बंद रखा गया था । इस दौरान कही से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। कांग्रेस के इस बंद को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) ने भी समर्थन दिया था। बंद के मद्देनजर प्रशासन की ओर से शहर के सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर पुलिस बल की तैनाथी की गयी थी । इस बीच प्रदेश कांग्रेस कमिटी के महासचिव आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव, सूर्यकांत शुक्ला, राजेश ठाकुर, रवीन्द्र सिंह एवं रमा खलखो ने कहा है कि बन्द स्वतःस्फूर्त था और इस दौरान जनता का आक्रोश साफ दिखा। जहरीली शराब से और कितनी जानें जायेगी, इसका पता नहीं है । उन्होंने कहा कि झारखंड में भी अब अपहरण उद्योग शुरू है, कानून व्यवस्था तार-तार हो रही है, सरकार के नाक के नीचे अवैध शराब का कारोबार चल रहा है, जहरीली शराब के व्यापार में जिन लोगों की संलिप्तता पाई जाती रही है, उसकी जानकारी प्रशासन को भी है । श्री दूबे ने कहा कि भाजपा मौत पर भी राजनीति से बाज नहीं आ रही है। उत्पात मचाना, कानून तोड़ना आम लोगों को प्रताड़ित करना यह राजनीति भाजपा की है न कि कांग्रेस की । उन्होंने इस ऐतिहासिक बंद की सफलता के लिए राजनीति दलों और संगठनों को धन्यवाद दिया है। कांग्रेस के नेताओं ने कहा है कि पीड़ितों के साथ खड़ा रहना, उनके हक के लिए संघर्ष करना, जहरीली शराब बेचने पर हो रही मौत को लेकर सड़कों पर उतरना, गिरती कानून व्यवस्था को लेकर बंद बुलाया जाना अगर राजनीति है तो कांग्रेस यह आरोप सहने को तैयार है। लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश का मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा। सरकार अगर आज के बंद के बाद भी सावधान नहीं हुई तो संगठन झारखण्ड बंद का आह्वान करेगी और सरकार की विफलता को उजागर करेगी।
शनिवार, 9 सितंबर 2017
कांग्रेस के आह्वान पर रांची बंद का मिलाजुला असर
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