रांची 05 सितम्बर, झारखंड सरकार ने हजारीबाग जिले के नवाडीह गांव में मनरेगा योजना से अनुपयोगी चेकडैम बनाकर 12 लाख रुपये की बंदरबांट करने वाले प्रखंड विकास पदाधिकारी,अभियंता और कर्मियों के वेतन से राशि की वसूली करने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री रघुवर दास के सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने आज यहां मुख्यमंत्री जनसंवाद में आई शिकायतों पर हुई कार्रवाई की समीक्षा करते हुए हजारीबाग के उप विकास आयुक्त को निर्देश दिया कि वह मामले के दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ विभाग को पत्र लिखें और सुनिश्चत करें कि उनके वेतन से गबन की राशि की वसूली हो। इस दौरान कुल 16 मामलों की समीक्षा की गई। सचिव ने चतरा के खरौंधा पैक्स में लगभग 300 किसानों की फसल बीमा का चेक समय से नहीं बंटने के कारण चेक खारिज होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए इसके लिए दोषी सहकारिता बैंक के अधिकारी को निलंबित करने का आदेश दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि भुगतान में देरी होने पर उसकी भरपाई कौन करेगा। कौन किसानों को उनकी राशि का ब्याज देगा।
श्री वर्णवाल ने भुगतान चेक देने में देरी करने के आरोप में संबंधित बीमा कंपनी पर प्राथमिकी दर्ज करने का भी निर्देश दिया। चतरा के नोडल पदाधिकारी को एक सप्ताह में सारी कार्रवाई सुनिश्चत करने की जवाबदेही दी गई और चेतावनी दी गई कि ऐसा नहीं होने के स्थिति में उसके लिए व्यक्तिगत तौर पर नोडल पदाधिकारी जिम्मेदार होंगे। सचिव ने गुमला के जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा आदेश निकाल कर कुछ शिक्षकों को ज्यादा वेतन देने के मामले में जांच का आदेश दिया गया है। जांच नोडल पदाधिकारी विजय वर्मा करेंगे। गौरतलब है कि जिला शिक्षा अधीक्षक से जब दूसरे शिक्षक भी ज्यादा वेतन की मांग करने लगे और उसकी शिकायत मुख्यमंत्री जनसंवाद में की गई तो उन्होंने अपने ही आदेश को निरस्त कर दिया। श्री वर्णवाल ने इसे गंभीरता से लेते हुए अपना ही आदेश निरस्त करने के मामले की समीक्षा गुमला के उपायुक्त से कराने का निर्देश दिया। वहीं, नोडल पदाधिकारी को आदेश दिया कि वह जांच करें कि उन्होंने किस परिस्थिति में गलत आदेश दिया था। इसका सारा रिकार्ड देखें और तय करें कि क्यों नहीं जिला शिक्षा अधीक्षक पर कार्रवाई की जाये।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें