विशेष : दीपावली पर लुप्त होते कुम्हार के दिये। - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 16 नवंबर 2017

विशेष : दीपावली पर लुप्त होते कुम्हार के दिये।

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भारत देश में यूं तो कई त्यौहार आते है । पर सबसे ज्यादा हर्षोल्लास वाला त्यौहार दीपावली का होता है। इस त्यौहार को भारत मे रावण पर राम  की जीत कहा जाता है अर्थात बुराई पर अच्छाई की जीत। दीपावली के इतिहास से तो सभी लोग भली भाँती परिचित है और शायद इस बात से भी परिचित होंगे कि आज से लेकर उस सतयुग के समय तक भारत मे दीपावली का त्यौहार दीपों से मनाया जाता था।  हर घर का द्वार दीपक से जगमगाता था।  हालांकि आज भी यह परंपरा बनी हुई है पर उस हद तक नही जिस हद तक पहले हुआ करती थी। आज तो हर घर चीनी झल्लरो से बल्बों से चमकता हुआ दिखाई देता है ।  आज भारतीय बाजार में हर जगह चीनी  माल ही छाया हुआ है। और लोग उसे खरीद भी रहे है। क्या कभी हमने यह सोचा है कि ऐसा करके हम अपने देश का और देश के उस कुम्हार वर्ग का कितना नुकसान कर रहे है । 

पहली गलती हमने यह कि, की अपने घर को ज्यादा सुसज्जित करने के लिए चीनी चीजो का इस्तेमाल किया, ऐसा करके हम अपने देश की  उस कुम्हार वर्ग की जाती का अस्तित्व खत्म कर रहे है । क्योंकि एक यही त्यौहार है जिसमे वह अपनी आजीविका के लिए कुछ कमा सकते है और हमारे एक कदम से उनकी यह छोटी सी आमदनी भी खत्म हो रही है।और तो और हमने अपने देश के लिए कुछ न करते हुए  दूसरे देश को लाभ पहुचाया है। क्या हमारे अपने राष्ट्र के प्रति कोई कर्तव्य नहीं है ।हम लोग खुद ही कर्तव्यविमुख हो जाते है और फिर हर चीज का आरोप सरकार पर लगाते है। चाहे वो कोई भी मुद्दा क्यो न हो उदाहरण के तौर पर अगर हमारे यहां बेरोजगारी बढ़ती है तब भी हम सरकार पर आरोप लगाते है  की रोजगार नही है । लेकिन हम कभी गहराई से सोचते ही नही है की बेरोजगारी क्यों बड़ी क्योंकि जनसँख्या बड़ी ।  और यह सरकार की नही लोगो की गलती है । तो कहने का आशय यही है कि हम पहले अपने कर्तव्य तो अच्छे से निभाये सरकार तो निभाएगी ही।   

हालांकि इस साल सोशल डेवेलपमेंट फाउंडेशन के सर्वे के मुताबिक भारत मे 2017 में दीपावली पर चीनी उत्पादों की बिक्री पर बड़ी कमी आ सकती है। चूँकि दीपावली पर लाइटों से लेकर गिफ्ट्स एवम सारे समान का आयात चीन से ही होता है । अतः इस बार इनमे 40 से 50% तक कि कमी देखने को मिल सकती है। इसे हम राष्ट्रहित के लिए एक अच्छी सफलता मान सकते है । लेकिन साथ ही भारत के लोगो का यह समझना नितांत आवश्यक है कि वह ऐसे चीजे खरीदकर दूसरे देश का प्रभुत्व अपने देश मे कायम न होने दे। जिससे बाद में नुकसान हो।  आज पूरे भारतीय बाजारों पर नजर डाले तो पूरे बाजार में चीन की सत्ता ही दिखाई देगी। चाहे वो मोबाइल फोन हो या अन्य कोई सामान।  इसके साथ ही एक प्रश्न जो सभी लोगो  के मन मे बराबर चलता है की दूसरे देश की चीजो का इस्तेमाल करने में क्या बुराई है।  इसको भी एक उदाहरण से समझे कि क्या चीन ने किसी दूसरे देश का प्रभुत्व अपने यहां स्थापित होने दिया । नहीं। क्योंकि चीन ऐसा देश है जो अपने देश की मूलभूत   आवश्यकताओं की पूर्ति खुद ही पूरी करता है।  इसको हम ऐसे भी समझ सकते है कि भारत की राजभाषा हिंदी है। और सामान्यतः हिंदी भाषी लोग ही है। और अंग्रेजी को विशिष्ट कार्यो के लिए प्रयोग में लाया जाता है। लेकिन हमने क्या किया ? हमने दोनों भाषाओं का तालमेल या दोनों भाषाओं की उपयोगिता न देखकर एक को सर्वोपरी और एक को नगण्य कर दिया। लेकिन क्या चीन ने कभी अपनी मूल भाषा को नगण्य किया। नहीं। 

सिर्फ हम ही ऐसा क्यों करते है हम राष्ट्रहित के बारे में कभी सोचते ही नही। अपने देश के उन भाई बहनो के बारे में कभी सोचते  ही नही जो शायद कहीं न कहीं हम पर ही निर्भर है। और चूंकि मुद्दा हमारा उस कुम्हार वर्ग के अस्तित्व को लेकर है अतः हमारा प्रयास उसके अस्तित्व को बचाने के लिए होना चाहिए। इस दिशा में कुछ लोगों द्वारा कदम उठाया भी जा चुका है एक अनुमान के अनुसार 2016 में भारत मे चीनी उत्पादों की बिक्री लगभग 4 हजार करोड़ थी। लेकिन इस साल दीपावली पर लोग भारतीय उत्पादों की मांग कर रहे है। इसे  राष्ट्रहित में एक अच्छा बदलाव कह सकते है। कम से कम लोगों में इस भावना का निर्माण तो हुआ कि देशहित क्या है। और इस प्रकार का कदम उठाने के लिए हमे एक चीज करनी बहुत आवश्यक है वो यह है की "हममें" आजकल " में " की भावना विकसित हो गयी है । हमे इस में को छोड़कर हम की भावना की और अग्रसर होना चाहिए। चूंकि भारत विविध जातियों से परिपूर्ण देश है और सभी जातियों का अपना अलग ही अस्तित्व है। हर एक कि अपनी अलग ही विशेषता है। और लोगो को इसमें यह योगदान करना चाहिए कि किसी भी कारणवश किसी भी जाति का अस्तित्व यूँ विलुप्त न हो।  भारत की दीपावली का त्यौहार बहुत ही खूबसूरत त्योहार है और हमारा प्रयास इसको और खूबसूरत बनाने का होना चाहिए।  घरों को उन नकली चीज़ो से न सजाकर उन चीजों से सजाएं। जिससे किसी के चेहरे पर मुस्कान   आये । उस कुम्हार से मिट्टी के दीपक खरीदे जिससे उसके घर की  भी दीपावली खूबसूरत हो।


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ज्योति मिश्रा 
Freelance journalist gwalior (dabra)
Jmishra231@gmail.com
7999842095

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