नोटबंदी और जीएसटी का असर खत्म. अगली तिमाही में जीडीपी अधिक तेजी से बढेगी..जेटली - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 30 नवंबर 2017

नोटबंदी और जीएसटी का असर खत्म. अगली तिमाही में जीडीपी अधिक तेजी से बढेगी..जेटली

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नयी दिल्ली. 30 नवम्बर, पांच तिमाही के बाद सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) की दर में बढोतरी से गदगद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) का प्रभाव अब पीछे छूट गया है और आने वाली तिमाही में अर्थव्यवस्था के और तेजी से आगे बढने की उम्मीद है।  चालू वित्त वर्ष में जून.सितम्बर की तिमाही के लिए आज आये आंकडों में जीडीपी में पांच तिमाही के बाद गिरावट का सिलसिला थमा और यह अप्रैल..जून की तिमाही के 5.7 प्रतिशत के मुकाबले 6.3 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढी है। श्री जेटली ने जीडीपी के नवीनतम आंकडों पर कहा कि नोटबंदी और जीएसटी का प्रभाव अब पीछे छूट गया है। पांच तिमाहियों के बाद गिरावट का सिलासिला रुका है और अगली तिमाही में विकास दर और बेहतर होने की संभावना है।  वित्त मंत्री ने नवीनतम आंकडों पर कहा कि जून.सितम्बर की तिमाही की विकास दर में विनिर्माण क्षेत्र में अच्छी बढोतरी बहुत ही सकारात्मक संकेत है।  पिछले साल आठ नवंबर और इस वर्ष 30 जून को जीएसटी लागू किए जाने के बाद अर्थव्यवस्था में आई सुस्सी के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार विपक्षी दल के निशाने पर है। गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान तो कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जीएसटी को “गब्बर सिंह टैक्स” बताया। इसके अलावा अन्य नेताओं ने भी जीएसटी के अलग.अलग नाम दिए हैं। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने जीडीपी पर प्रतिक्रिया में कहा कि अगले 4-5 महीनों में निजी क्षेत्र में निवेश लौटेगा और इससे अर्थव्यवस्था और तेजी से आगे बढेगी। उन्होंने कहा कि अगले दशक में विकास दर को नौ से 10 प्रतिशत तक ले जाना बहुत आवश्यक है । 
श्री कांत ने कहा कि सरकार ने कई ढांचागत सुधारों की शुरुआत की है। निर्माण.खनन और विद्युत क्षेत्र में काफी तेजी देखने को मिली है।  मुख्य सांख्यिकीविद टी सी ए अनंत ने जीडीपी के आंकडों पर कहा कि पांच तिमाहियों की गिरावट के उपरांत विकास दर में वृदि्ध शुरु हुई है। यह काफी प्रोत्साहक है। उन्होंने कहा कि विनिर्माण में सात प्रतिशत .विद्युत .गैस और पानी आपूर्ति में 7.6 प्रतिशत और होटल.परिवहन और दूरसंचार क्षेत्र में 9.9 प्रतिशत की अच्छी वृदिध हुई है।  गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान जीडीपी तीन वर्ष के न्यूनतम स्तर 5.7 प्रतिशत रही थी1

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