नयी दिल्ली, 27 नवम्बर, उच्चतम न्यायालय ने पुलिस हिरासत में आरोपियों के उत्पीड़न के खिलाफ सख्त नियम बनाने संबंधी याचिका की सुनवाई से आज इन्कार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय खंडपीठ ने पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि कानून बनाना उसका काम नहीं है। न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि कानून बनाना संसद का काम है और वह इसके लिए संसद को आदेश नहीं दे सकते। केंद्र सरकार ने, हालांकि दलील दी कि हिरासत में उत्पीड़न पर रोक के संबंध में विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट जारी की है, जिसपर विचार हो रहा है। श्री कुमार ने याचिका दायर करके हिरासत में उत्पीड़न के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय संधियों के तहत कानून का केंद्र सरकार को निर्देश देने का न्यायालय से अनुरोध किया था। गौरतलब है कि विधि आयोग ने हिरासत में उत्पीड़न के खिलाफ विधेयक बनाने को लेकर अपनी सिफारिशें कानून मंत्रालय को सौंप दी है।
सोमवार, 27 नवंबर 2017
उत्पीड़न के खिलाफ कानून संबंधी याचिका की सुनवाई से इन्कार
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