खजुराहो (मध्यप्रदेश) 4 दिसंबर, मध्यप्रदेश की पर्यटन नगरी खजुराहो में दो दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन के बाद सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने खजुराहो के विश्व प्रसिद्घ मंदिरों को देखा। अन्ना ने इन मंदिरों की मूर्तियों में छुपे अर्थ को महžवपूर्ण बताया। मंदिरों को देखने के बाद अन्ना ने संवाददाताओं से कहा, "भारत का आध्यात्मिक विकास और संस्कृति छुपी हुई है इन मंदिरों में। विज्ञान की प्रगति के चलते हम चंद्रमा पर तो पहुंच गए हैं और कहीं भी जाएंगे, लेकिन यदि अध्यात्म इंसान के भीतर नहीं पहुंचा तो विज्ञान इंसान को विनाश की ओर लेकर जाएगा।" मंदिरों में उकेरी गई मूर्तियों का जिक्र करते हुए अन्ना ने कहा, "मूर्तियां देखने में हमें सिर्फ मूर्ति नजर आती हैं, जबकि वास्तव में इन मूर्तियों में गहरा अर्थ छुपा हुआ है। ये बताती हैं कि 1100 साल पहले हमारी समृद्घि कितनी थी।" इस मौके पर खजुराहो के व्यापारियों ने अन्ना और राजेंद्र का स्वागत किया। व्यापारियों ने अपनी समस्याएं भी दोनों सामाजिक कार्यकर्ताओं के समक्ष रखी। व्यापारियों ने कहा, "यहां अब सिर्फ एक उड़ान आती है। इसके चलते पर्यटकों की संख्या भी कम हो गई है, जिसका असर उनके कारोबार पर पड़ रहा है।"
सोमवार, 4 दिसंबर 2017
अन्ना, राजेंद्र ने देखे खजुराहो के मंदिर
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