शिक्षा व्यवस्था का सुदृढ़ होना जरूरी : राज्यपाल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 9 दिसंबर 2017

शिक्षा व्यवस्था का सुदृढ़ होना जरूरी : राज्यपाल

education-system-should-be-strong-governor
पटना 08 दिसंबर, बिहार के राज्यपाल एवं कुलाधिपति सत्यपाल मलिक ने आज कहा कि किसी देश की ताकत इस बात पर निर्भर करती है कि वहां की शिक्षा व्यवस्था कितनी मजबूत है। श्री मलिक ने यहां पटना विश्वविद्यालय में आयोजित ‘शताब्दी प्रदर्शनी’ का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि किसी देश की शिक्षा व्यवस्था का सुदृढ़ होना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि किसी देश की ताकत इस बात पर निर्भर करती है कि वहां की शिक्षा व्यवस्था कितनी मजबूत है। कोई भी मुल्क बड़ी-बड़ी इमारतों, कल-कारखानाें, पुलों के नष्ट होने से उतना तबाह नहीं होता, जितना वहां की शिक्षा-व्यवस्था के नष्ट होने से खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि बिहार में उच्च शिक्षा के विकास के लिए हरसंभव प्रयास किये जाएंगे और उन्हें पूरी उम्मीद है कि सामूहिक प्रयासों से कामयाबी भी मिलेगी। राज्यपाल ने कहा, “बिहार की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत अत्यन्त गौरवमय रही है। भारत के स्वर्णिम इतिहास में बिहार का बहुत बड़ा योगदान रहा है। पटना विश्वविद्यालय, जिसे कभी ‘पूरब का आॅक्सफोर्ड ’ कहा जाता था, का पिछले सौ वर्ष का इतिहास भी काफी गौरवमय रहा है। इस विश्वविद्यालय से निकलनेवाली अनगिनत प्रतिभाओं ने सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक और प्रशासनिक हर क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।” श्री मलिक ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय सहित राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को कुलाधिपति कार्यालय का हरसंभव सहयोग मिलता रहेगा और वे भी समय-समय पर विश्वविद्यालय आते रहेंगे। उन्होंने कहा कि पटना विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए अपनी प्राचीन गौरवमय विरासत और प्रतिष्ठा की पुनप्र्राप्ति के लिए तेजी से आगे बढ़े।

राज्यपाल ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को कहा है कि जिन नये महाविद्यालयों में छात्राओं के लिए ‘गर्ल्स काॅमन रूम’ और ‘वाॅश रूम’ न हों, उन्हें प्रस्वीकृति प्रदान न किया जाये। साथ ही पुराने विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय भवनों में भी गर्ल्स काॅमन रूम एवं वाॅश रूम की व्यवस्था अनिवार्यतः सुनिश्चित करायी जाए। श्री मलिक ने छात्र-संघ चुनाव को विश्वविद्यालयों के लिए उपयोगी बताते हुए कहा कि इससे विश्वविद्यालय की समस्याओं पर छात्रों से विमर्श के लिए एक समुचित ‘फोरम’ तैयार हो जाता है। उन्होंने कहा कि छात्र संघों से विद्यार्थियों का व्यक्त्वि भी विकसित होता है। उन्होंने कहा कि राज्य में छात्रसंघ चुनाव शीघ्र कराने के लिए सभी कुलपतियों को कहा गया है। राज्यपाल ने शताब्दी वर्ष के अवसर पर पटना विश्वविद्यालय पुस्तकालय परिसर में आयोजित प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां विश्वविद्यालय के सौ साल के गौरवशाली इतिहास की झलक देखने को मिलती है। उन्होंने आयोजित प्रदर्शनी के विभिन्न प्रदर्शों को घूम-घूम कर देखा। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष के अवसर पर भारतीय डाक विभाग द्वारा जारी ‘स्पेशल पोस्टल कवर’ का लोकार्पण किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के तीन शिक्षकों डाॅ. जयश्री मिश्रा, डाॅ. सुरेन्द्र कुमार एवं डाॅ. जयदेव मिश्र द्वारा लिखित ‘हिस्ट्री ऑफ पटना यूनिवर्सिटी (1917-2017)’ का भी विमोचन किया।

कोई टिप्पणी नहीं: