जीएसटी ने व्यापारियों के लिए कारोबार को आसान बनाया : जेटली - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 1 दिसंबर 2017

जीएसटी ने व्यापारियों के लिए कारोबार को आसान बनाया : जेटली

gst-makes-business-easy-jaitely
नयी दिल्ली, एक दिसंबर, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) ने व्यापारियों के लिए कारोबार को आसान बनाया है, क्योंकि इसने बाजार का विस्तार किया है और कर अनुपालन के बोझ को घटाया है। जेटली ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी जैसे दो बुनियादी सुधारों से देश की अर्थव्यवस्था को मध्यम एवं दीर्घावधि में लाभ होगा। दूसरी तिमाही के आर्थिक वृद्धि अनुमानों पर एक प्रश्न के जवाब में जेटली ने कहा, ‘‘जीएसटी ने कारोबार और व्यापार को बहुत आसान बना दिया है। हर व्यापारी के लिए बाजार का आकार बढ़ गया है। अब पूरा देश उसके लिए बाजार है।’’ उल्लेखनीय है कि पांच तिमाहियों की गिरावट के बाद सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में जुलाई-सितंबर तिमाही में वापस सुधार हुआ है। यह 6.3% के स्तर पर रही है। साथ ही नयी जीएसटी व्यवस्था के साथ कारोबार का समायोजन और विनिर्माण क्षेत्र के सुधरने से भी अर्थव्यवस्था में थोड़ी रौनक नजर आयी है। वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर तीन वर्ष के न्यूनतम स्तर 5.7% पर आ गई थी। जेटली ने कहा कि जीएसटी ने व्यापारियों के लिए कर अनुपालन के बोझ को भी कम किया है। अब व्यापारी को नयी प्रणाली में कई तरह के कर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है। कर दरों को भी तर्कसंगत बनाया गया है। अब किसी व्यापारी को कर निरीक्षकों से उलझने की जरुरत नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल नवंबर में लिए गए नोटबंदी के फैसले का असर सिर्फ एक-दो तिमाही में ही रहा। जबकि जीएसटी का असर एक तिमाही में ही रहा है। जीएसटी और नोटबंदी जैसे ढांचागत सुधारों का अर्थव्यवस्था को मध्यम एवं दीर्घवधि में लाभ होगा।

कोई टिप्पणी नहीं: