हॉकी : भारत ने बरकरार रखा कांस्य पदक, ऑस्ट्रेलिया बना चैंपियन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 11 दिसंबर 2017

हॉकी : भारत ने बरकरार रखा कांस्य पदक, ऑस्ट्रेलिया बना चैंपियन

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भुवनेश्वर. 10 दिसम्बर, भारत ने आखिरी क्वार्टर में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए जर्मनी को रविवार 2-1 से पराजित कर हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल्स में अपना कांस्य पदक बरकरार रखा जबकि विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया ने ओलम्पिक चैंपियन अर्जेंटीना को 2-1 से हराकर खिताब जीत लिया। विश्व की नंबर एक टीम और ओलम्पिक चैंपियन अर्जेंटीना और विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के बीच जबरदस्त मुकाबला हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने 58 वें मिनट में जाकर मैच विजयी गोल दागा। ऑस्ट्रेलिया ने 17 वें मिनट में जेरेमी हेवर्ड के पेनल्टी कार्नर पर किये गए गोल से बढ़त बनाई लेकिन अर्जेंटीना ने 18 वें मिनट में ही अगस्टीन बगेलो के मैदानी गोल से बराबरी कर ली। ब्लेक गोवर्स ने 58 वें मिनट में मिले पेनल्टी कार्नर का पूरा फायदा उठाते हुए ऑस्ट्रेलिया के लिए खिताब दिलाने वाला गोल कर दिया। इससे पहले भारत ने जर्मनी को हराकर कांस्य पदक हासिल किया। इस साल एशिया इस साल एशिया कप जीतने वाली भारतीय टीम की 2017 के अंत में यह एक बड़ी कामयाबी है। पहला क्वार्टर गोल रहित रहने के बाद दूसरे क्वार्टर में एस वी सुनील ने 21 वें मिनट में रिबाउंड पर गोल कर भारत को बढ़त दिलाई। जर्मनी ने तीसरे क्वार्टर में 36 वें मिनट मार्क अपेल के मैदानी गोल से बराबरी हासिल कर ली। तीसरे क्वार्टर तक स्कोर 1-1 से बराबर रहने के बाद भारत को 53 वें मिनट में लगातार तीन पेनल्टी कार्नर मिले और ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह ने 54 वें मिनट में चौथे पेनल्टी कार्नर पर भारत के लिए बढ़त दिलाने वाला गोल दाग दिया जो अंत में मैच विजयी साबित हुआ। भारत ने अंतिम सात मिनट में अपनी बढ़त को बनाये रखा और अपना कांस्य पदक बरकरार रखा जो उसने 2014-15 में रायपुर में हुए हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल्स में जीता था। भारत ने इस जीत के साथ जर्मनी से ग्रुप चरण में मिली 0-2 की हार का बदला भी चुका लिया। जर्मन टीम इस मैच में उतरने से पहले ही कमजोर हो चुकी थी क्योंकि उसके सात खिलाड़ी चोटिल होने के कारण खेलने के लिए उपलब्ध नहीं थे। जर्मनी को अपने 11 खिलाड़ियों के साथ ही पूरे मैच में खेलना पड़ा। मैच के पूरे 60 मिनट में जर्मन टीम अपना एक खिलाड़ी भी बदल नहीं पायी। इसके बावजूद उसका सराहनीय प्रदर्शन रहा।
जर्मनी ने मैच में सात पेनल्टी कार्नर हासिल किये लेकिन एक का भी फायदा नहीं उठा पायी।दूसरी तरफ भारत को चार पेनल्टी कार्नर मिले जिसमें से तीन तो आखिरी क्वार्टर में आये। भारत ने मैच में गेंद पर 52 फीसदी नियंत्रण बनाया जबकि जर्मनी का 42 फीसदी नियंत्रण रहा। भारतीय गोलकीपर सूरज करकेटा की तारीफ करनी होगी जिन्होंने कई शानदार बचाव किये। जर्मनी ने पहले दो क्वार्टर में छह पेनल्टी कार्नर हासिल किये लेकिन सूरज गोल के सामने दीवार की तरह डटे रहे। भारत सेमीफाइनल में ओलम्पिक चैंपियन अर्जेंटीना से और जर्मनी विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया से हारा था।

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