वाशिंगटन, 20 दिसंबर, मानवों को मंगल ग्रह पर भेजने के लिए तीन साल की लंबी यात्रा की अपनी तैयारी के तहत नासा लंबे समय तक अंतरिक्ष की यात्रा करने से अंतरिक्षयात्रियों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को समझने के लिए अनुसंधान प्रस्ताव मंगवा रहा है। नासा का मानव अनुसंधान कार्यक्रम विभिन्न क्षेत्रों के विषयों पर अनुसंधान प्रस्ताव मंगवा रहा है। इस तरह के अनुसंधान से नासा को प्रस्तावित 400 दिन की गहरे अंतरिक्ष में मिशन का आधार तैयार करने में मदद मिलने के साथ ही लंबे समय तक अंतरिक्ष यान में रहने से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों का पता लगाने और इसका इलाज करने में भी मदद मिलेगी। नासा के जॉनसन अंतरिक्ष केंद्र के ‘एक्सप्लोरेशन रिसर्च प्लानिंग ऑफ द ह्यूमन रिसर्च प्रोग्राम’ के सहायक निदेशक जॉन चार्ल्स ने बताया, ' अंतरिक्ष में जाने से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में किसी तरह के निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले हमें अंतरिक्ष में ज्यादा समय बीताने वाले यात्रियों पर हुए असर का अध्ययन करने की जरूरत है।' चार्ल्स ने कहा, ' वैज्ञानिक शारीरिक और व्यावहारजनित स्वास्थ्य स्थिति के बारे में अनुमान लगाने के लिए सूचनाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं।' अंतरिक्ष यात्री स्कॉट केली और मिखाइल कोरनियेनको ने करीब एक साल तक अंतरिक्ष में समय गुजारा था। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस प्रस्तावित विषय पर अनुसंधान इन अंतरिक्षयात्रियों के एक साल की यात्रा के दौरान जमा किए गए आंकड़ों के आधार पर तैयार किया जाएगा। अनुसंधान प्रस्ताव अगले साल चार जनवरी तक जमा किया जा सकता है।
बुधवार, 20 दिसंबर 2017
मानव को मंगल ग्रह पर भेजने की तैयारी के लिए नासा मंगवा रहा है अनुसंधान प्रस्ताव
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