बिहार में विश्वविद्यालयों के लिए शीघ्र तैयार होगा नया पाठ्यक्रम - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 19 दिसंबर 2017

बिहार में विश्वविद्यालयों के लिए शीघ्र तैयार होगा नया पाठ्यक्रम

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पटना 18 दिसंबर, बिहार के राज्यपाल एवं कुलाधिपति सत्यपाल मलिक ने आज कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई और इसके मद्देनजर विश्वविद्यालयों के लिए शीघ्र ही नये पाठ्यक्रम तैयार किये जाएंगे। राजभवन सूत्रों ने बताया कि श्री मलिक की अध्यक्षता में यहां विश्वविद्यालयों के क्रियाकलापों की समीक्षा के लिए पहली मासिक बैठक हुई। इस दौरान कुलाधिपति ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा में सुधार की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है और चरणबद्ध रूप से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को बैठकों में लिए गए निर्णयों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चत करना चाहिए ताकि राज्य में उच्च शिक्षा का समग्र विकास हो सके। बैठक में विश्वविद्यालयों के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार करने का निर्णय लिया गया। विश्वविद्यालयों में पढ़ाये जाने वाले विभिन्न विषयों के पाठ्यक्रम काफी पुराने हो गये हैं। इसलिए च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के आधार पर नया पाठ्यक्रम तैयार करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए पटना विश्वविद्यालय के कुलपति को सक्षम एवं अनुभवी अध्यापकों को प्रतिनियुक्त करने के लिए कहा गया, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) तथा अन्य केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए नया पाठ्यक्रम तैयार करने में सहयोग करेंगे। नया पाठ्यक्रम शीघ्र बनाकर चरणबद्ध तरीके से अन्य सभी विश्वविद्यालयों में भी लागू किया जायेगा। पाठ्यक्रम- निर्धारण में यह प्रयास होगा कि शिक्षा को रोजगारोन्मुखी बनाया जा सके।

बैठक में ‘एकेडमिक कैलेंडर’ को मार्च 2018 तक तैयार कर प्रस्तुत कर देने एवं विलम्बित परीक्षाओं को शीघ्र संचालित कर हर हालत में सत्र को अगले वर्ष से नियमित कर देने का निर्णय लिया गया। समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि सरकार के ‘सात निश्चय’ के तहत राज्य में 290 विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय परिसरों में वाई-फाई सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। लेकिन, यह स्पष्ट हुआ कि विद्युत-आपूर्ति की असुविधा, नोडल पदाधिकारी द्वारा आॅनरशिप ग्रहण नहीं करने जैसे कारणों से यूजर इनरॉलमेंट में काफी कमी है।  इस पर कुलाधिपति ने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के नोडल पदाधिकारी तथा वाई-फाई सेवा उपलब्ध करानेवाली एजेंसी के पदाधिकारी प्रत्येक सप्ताह के एक निश्चित दिन बैठक कर स्थिति की समीक्षा करते हुए यह सुनिश्चित करेंगे कि यूजरों की संख्या में पर्याप्त वृद्धि हो, अधिकाधिक यूजरों को यूजर नाम एवं पासवर्ड अविलंब उपलब्ध करा दिए जाएं। इसके लिए महाविद्यालय/विश्वविद्यालय के सूचना-पट पर ‘आवश्यक सूचना’ भी प्रकाशित की जाये। कुलपतियों को ‘वाई-फाई’ की यह सुविधा प्रथम चरण में सभी विश्वविद्यालय मुख्यालयों एवं स्नातकोत्तर विभागों तथा बाद में सभी महाविद्यालयों में शीघ्र उपलब्ध कराने को कहा गया है। विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में छात्राओं के लिए वॉशरूम निर्माण का काम मार्च 2018 तक पूरा कर लिया जाएगा। बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि दिसंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर जनवरी 2018 के शुरूआती सप्ताह तक में प्रत्येक विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय अपने परिसर में ‘विशेष स्वच्छता अभियान’ संचालित करेंगे, जिसमें एनसीसी एवं एनएसएस के कैडेट के साथ ही सभी शिक्षक एवं विद्यार्थी शामिल होंगे। वहीं, छात्र संघ चुनाव शीघ्र कराने के लिए कुछ कुलपतियों से प्राप्त सुझावों पर विचार करते हुए निर्णय लिये जाने पर सहमति बनी। इसके अलावा विश्वविद्यालय मुख्यालय एवं सभी स्नातकोत्तर विभागों में मार्च 2018 तक तथा सभी महाविद्यालयों में जून 2018 तक बायो-मेट्रिक के जरिये उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करा दी जाएगी। बैठक में सभी पारंपरिक विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आर. के. महाजन, राज्यपाल के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, सूचना प्रावैधिकी विभाग के सचिव राहुल सिंह और शिक्षा विभाग के अपर सचिव मनोज कुमार सहित कुलाधिपति कार्यालय के सभी वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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