शरद की सदस्यता समाप्त किये जाने के निर्णय पर उठा सवाल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 21 दिसंबर 2017

शरद की सदस्यता समाप्त किये जाने के निर्णय पर उठा सवाल

question-on-sharad-suspension
पटना 20 दिसम्बर, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) शरद गुट ने आज पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव के राज्यसभा की सदस्यता समाप्त किये जाने के सभापति के निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसके लिए नियम का पालन नहीं किया गया और आनन-फानन में फैसला ले लिया गया । जदयू शरद गुट के राष्ट्रीय महासचिव अरूण कुमार श्रीवास्तव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने श्री यादव की सदस्यता समाप्त करने के लिए जदयू की ओर से दी गयी याचिका को नियम के अनुसार एथिक्स कमेटी में भेजने के बजाए स्वयं ही उस पर निर्णय ले लिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की याचिका को नियम के अनुसार पहले एथिक्स कमेटी में भेजा जाता है जहां संबंधित सांसद स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से पक्ष रखते हैं । श्री श्रीवास्तव ने कहा कि इसके बाद एथिक्स कमेटी अपना फैसला सभापति के पास भेजती है और एक बार फिर सभापति स्वयं संबंधित सदस्य की बात सुनते हैं और अपना निर्णय देते हैं। उन्होंने कहा कि श्री यादव के मामले में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दवाब में सभापति ने आनन-फानन में उनकी सदस्यता समाप्त कर दी। 

जदयू के बागी नेता ने कहा कि श्री यादव ने सदस्यता रद्द किये जाने के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।चुनाव आयोग द्वारा पार्टी सिम्बल के मामले में दिये गये निर्णय में भी दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गयी है और संबंधित पक्षों को नोटिस भी जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि दिल्ली उच्च न्यायालय से इन दोनों मामलों में उनकी पार्टी के पक्ष में फैसला आयेगा। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि जदयू ने गुजरात विधानसभा चुनाव में 29 सीटों पर अपना उम्मीदवार खड़ा किया था जिनमें अधिकांश की जमानत जब्त हो गयी। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की ओर से उनके गुट को सिम्बल नहीं दिये जाने पर अंतिम क्षण में भारतीय ट्राइबल पार्टी के चुनाव चिह्न पर कांग्रेस से हुए समझौते के तहत चार सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये गये थे। इनमें से उनके गुट के पूर्व अध्यक्ष छोटू भाई बसावा और महेश भाई बसावा चुनाव जीत गये। जदयू के बागी नेता ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय से फैसला आने के बाद भारतीय ट्राइबल पार्टी का उनके गुट में विलय हो जायेगा। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि जदयू के 29 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद पार्टी के कोई वरिष्ठ नेता चुनाव प्रचार में गुजरात नहीं गये। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि जब श्री कुमार की पार्टी 29 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी तो वह कुछ दिन पूर्व ही चुनाव के समय कैसे भारतीय जनता पार्टी की जीत की भविष्यवाणी कर रहे थे। इससे तो लगता है कि उन्होंने अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों का मनोबल तोड़ दिया। 

कोई टिप्पणी नहीं: